कश्मीर के नेताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक के तीन दिन के भीतर शनिवार-रविवार की आधी रात को जम्मू एयरपोर्ट के टेक्निकल एरिया में धमाके की घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को गहरी चिंता में डाल दिया है। यह घटना तब हुई है जब इस जगह में आधुनिक तकनीक और उच्चतम क्षमता वाले गैजेट्स लगे हैं और किसी भी हरकत को इनमें पकड़ा जा सकता है। इस घटना में भारतीय वायुसेना के दो जवान घायल हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने इसके आतंकी घटना होने की संभावना से इंकार नहीं किया है।
अभी तक की जांच में सामने आया है कि एयरपोर्ट क्षेत्र में विस्फोटक पहुंचाने के लिए संभवता ड्रोन इस्तेमाल किये गए हैं। राष्ट्रीय जांच दल (एनआईए) की टीम मौके पर पहुँच गयी है और उसने कुछ साक्ष्य जुटाए हैं। एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक वहां सभी फ्लाइट्स का संचालन सामान्य चल रहा है, हालांकि, ऑपरेशनल कारणों से रविवार को दो फ्लाइट्स पहले ही रद्द की गई थीं।
जांच में ऐसा प्रतीत होता है कि ड्रोन का संभावित लक्ष्य शायद डिसपर्ल एरिया में खड़े एयरक्राफ्ट थे। भारतीय वायु सेना का एक उच्च स्तरीय जांच दल भी जम्मू पहुंच रहा है। अभी तक की जानकारी से जाहिर होता है कि दो धमाके हुए जो कम तीव्रता के थे।भारतीय वायुसेना के दो जवान इस घटना में घायल हुए हैं, हालांकि, उनकी चोटें गंभीर नहीं हैं। जांचकर्ता यह देख रहे हैं कि कड़े सुरक्षा तामझाम के बावजूद ड्रोन (यदि ड्रोन का इस्तेमाल हुआ) वहां विस्फोटक लाने में कैसे सफल रहे !
‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक घटना वाले पूरे क्षेत्र में आधुनिक तकनीक से लैस और उच्चतम क्षमता वाले गैजेट्स लगे हैं और किसी भी हरकत को इनमें पकड़ा जा सकता है। लेकिन ड्रोन का इनकी पकड़ में नहीं आना हैरानी पैदा करने वाला है। पाकिस्तान के साथ सीमा होने के कारण यहाँ आधुनिकतम गैजेट्स स्थापित हैं।
यह धमाके एक ही जगह नहीं हुए हैं। एक ब्लास्ट में इमारत की छत को कुछ नुकसान पहुंचा है। दूसरा ब्लास्ट खाली (खुली) जगह में हुआ है। धमाकों में किसी भी तरह किसी उपकरण को नुक्सान नहीं पहुंचा है। ब्लास्ट शनिवार-रविवार की आधी रात करीब पौने दो बजे हुए बताये गए हैं। घटना के बाद वहां बम डिस्पोजल स्क्वॉड और फरेंसिक टीम को बुलाया गया।
यह जगह सुरक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील है क्योंकि भारतीय वायुसेना स्टेशन हेडक्वार्टर और जम्मू का मुख्य एयरपोर्ट भी इसी परिसर में हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू वायु सेना स्टेशन पर हुई इस घटना को लेकर वाइस एयर चीफ एयर मार्शल एचएसअरोड़ा से बात कीम्है। एयर मार्शल विक्रम सिंह भी जम्मू जा रहे हैं। घटना के बाद जम्मू और कश्मीर सीमा पर रेड-अलर्ट जारी किया गया है। पड़ौसी पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भी अलर्ट जारी किया गया है और संवेदनशील जगह सुरक्षा चाक चौबंद की गयी है। तमाम चेक-प्वाइंट्स पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। डीआईजी सीआरपीएफ़ भी घटना स्थल पर पहुंचे हैं।
अभी तक की जांच में सामने आया है कि एयरपोर्ट क्षेत्र में विस्फोटक पहुंचाने के लिए संभवता ड्रोन इस्तेमाल किये गए हैं। राष्ट्रीय जांच दल (एनआईए) की टीम मौके पर पहुँच गयी है और उसने कुछ साक्ष्य जुटाए हैं। एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक वहां सभी फ्लाइट्स का संचालन सामान्य चल रहा है, हालांकि, ऑपरेशनल कारणों से रविवार को दो फ्लाइट्स पहले ही रद्द की गई थीं।
जांच में ऐसा प्रतीत होता है कि ड्रोन का संभावित लक्ष्य शायद डिसपर्ल एरिया में खड़े एयरक्राफ्ट थे। भारतीय वायु सेना का एक उच्च स्तरीय जांच दल भी जम्मू पहुंच रहा है। अभी तक की जानकारी से जाहिर होता है कि दो धमाके हुए जो कम तीव्रता के थे।भारतीय वायुसेना के दो जवान इस घटना में घायल हुए हैं, हालांकि, उनकी चोटें गंभीर नहीं हैं। जांचकर्ता यह देख रहे हैं कि कड़े सुरक्षा तामझाम के बावजूद ड्रोन (यदि ड्रोन का इस्तेमाल हुआ) वहां विस्फोटक लाने में कैसे सफल रहे !
‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक घटना वाले पूरे क्षेत्र में आधुनिक तकनीक से लैस और उच्चतम क्षमता वाले गैजेट्स लगे हैं और किसी भी हरकत को इनमें पकड़ा जा सकता है। लेकिन ड्रोन का इनकी पकड़ में नहीं आना हैरानी पैदा करने वाला है। पाकिस्तान के साथ सीमा होने के कारण यहाँ आधुनिकतम गैजेट्स स्थापित हैं।
यह धमाके एक ही जगह नहीं हुए हैं। एक ब्लास्ट में इमारत की छत को कुछ नुकसान पहुंचा है। दूसरा ब्लास्ट खाली (खुली) जगह में हुआ है। धमाकों में किसी भी तरह किसी उपकरण को नुक्सान नहीं पहुंचा है। ब्लास्ट शनिवार-रविवार की आधी रात करीब पौने दो बजे हुए बताये गए हैं। घटना के बाद वहां बम डिस्पोजल स्क्वॉड और फरेंसिक टीम को बुलाया गया।
यह जगह सुरक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील है क्योंकि भारतीय वायुसेना स्टेशन हेडक्वार्टर और जम्मू का मुख्य एयरपोर्ट भी इसी परिसर में हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू वायु सेना स्टेशन पर हुई इस घटना को लेकर वाइस एयर चीफ एयर मार्शल एचएसअरोड़ा से बात कीम्है। एयर मार्शल विक्रम सिंह भी जम्मू जा रहे हैं। घटना के बाद जम्मू और कश्मीर सीमा पर रेड-अलर्ट जारी किया गया है। पड़ौसी पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भी अलर्ट जारी किया गया है और संवेदनशील जगह सुरक्षा चाक चौबंद की गयी है। तमाम चेक-प्वाइंट्स पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। डीआईजी सीआरपीएफ़ भी घटना स्थल पर पहुंचे हैं।