जमाखोरी के खिलाफ कार्रवाई करें सरकार

देश में एक ओर जनता कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही है । वहीं शासन और प्रशासन की अनदेखी के चलते अब जमाखोरी होने से खाद्य सामानों के दाम बढ़ने लगे है। दिल्ली के व्यापारियों का कहना है कि सरकार का दायित्व होता है कि वह बाजारों में बढ़ रही दलाली प्रथा पर नजर रखें। पर ऐसा ना होने के कारण कोरोना काल में अमीर व्यापारी चांदी काट रहे है और गरीबों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। आलम ये है कि बाजारों में जाने पर ऐसा लगता है, जैसे कोई धनी धौरी ही ना हो अपनी , व्यापारी मनमर्जी से काम और दाम तय कर रहे हो।

तहलका संवाददाता को छोटे व्यापारियों ने बताया कि देश में जब सियासत अपने तरीके से काम करें , जनता और व्यापारियों की तकलीफों को ना समझें तो वहुत सी धांधली ऐसी होने लगती है जिससे आम लोगों के साथ खासकर गरीबों को काफी परेशान करती है। जैसे एक ही बाजार में एक की वस्तु के दामों में काफी अंतर का होना है। सब्जी मंडियों में आलू और प्याज को दामों में जो ऊछाल है, उसकी मुख्य वजह है , जमा खोरी । कोरोना काल में जरूर जनता आर्थिक तंगी और तामाम परेशानियों से जूझ रही है । पर दलालों का बोलबाला है और वे कोरोना काल को अवसर के तौर पर देख रहे है और अपनी जेबे भर रहे है।

तहलका संवाददाता को रिटायर्ड अधिकारी मोती लाल ने बताया कि आज वो जनता पिस रही है, जिनका सियासत से कोई लेना देना नहीं है और सियासी घात और प्रतिघात का कोई असर नहीं होता है। वे आज दो कारणों से दुखी है एक तो कोरोना का बढ़ता कहर और बढ़ती महंगाई जिसके लिये वे सरकार को दोषी मानते है। उनका कहना है अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में और समस्या बढ़ सकती है। क्योंकि आज शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ –साथ आर्थिक मोर्चे पर देश आज लाचार नज़र आ रहा है। सरकार ने अगर जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई ना की तो ये कोरोना महामारी की तरह देश की गरीब जनता को ठसना शुरू कर देगीं।