किसानों ने कहा कि वार्ता तो वार्ता ही रह गयी। तामाम बातें और आश्वासन सरकार किसानों को दे रही है। पर असल समस्या तो कृषि कानून को लेकर है। उस पर तो किसी प्रकार की कोई बात ही नहीं बनी है।
किसान नेता सूरज पाल ने तहलका संवाददाता को बताया कि सरकार किसानों को गुमराह कर रही है। सियासी आंदोलन किसानों का बना रही है। उन्होंने दो –टूक कहा कि किसानों की बरबादी को वे देख नहीं सकते है। आगामी 4 जनवरी को होने वाली बैठक को लेकर कहा कि तामाम किसान संगठन बैठकों में जा रहे है। पर असल बात तो तब बनेगी जब कृषि कानून वापस नहीं हो जाता है।
सूरजपाल ने सरकार तो चेवावनी देते हुये कहा है कि किसानों को तोड़ने और प्रलोभन देने में सरकार लगी है। पर तब तक बात नही बनेगी जब तक कृषि कानून वापस नहीं हो जाता है। दिल्ली के सिंधू बार्डर, टिकरी बार्डर और गाजीपुर बार्डर मैं किसानों का आज 36 वाँ दिन आंदोलन जारी है। किसान रोष और जोश में है।