सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को जनसंख्या नियंत्रण का कानून बनाने की मांग करने वाली एक याचिका पर नोटिस जारी करते हुए उससे जवाब मांगा है। अपनी याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा कि जनता को स्वच्छ जल, हवा, भोजन, स्वास्थ्य और रोजगार देने का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए इस तरह का कानून बनाया जाना बहुत जरूरी है।
याचिकाकर्ता धर्मगुरु देवकी नंदन ठाकुर की इस याचिका को सर्वोच्च अदालत ने मुख्य मामले के साथ क्लब कर दिया है। याचिका में धर्मगुरु ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कोई ठोस और कारगर क़ानून नहीं होने से कोर्ट विधि आयोग को निर्देश दे कि दूसरे विकसित देशों में जनसंख्या नियंत्रण की नीतियों को देखने के बाद भारत के लिए भी वो उचित हो वैसा कानून बनाने के लिए सुझाव और सिफारिशें दें।
बता दें सर्वोच्च अदालत में पहले से भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय एक जनहित याचिका दाखिल है जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा है कि जनसंख्या का विस्फोट बम से भी ज्यादा घातक है।
भाजपा नेता ने याचिका में कहा कि बड़ी जनसंख्या के कारण शिक्षित, समृद्ध, स्वस्थ और सुगठित मजबूत भारत नहीं बन पायेगा। उपाध्याय ने याचिका में मांग की है कि केंद्र सरकार आबादी नियंत्रण के उपायों को देश में लागू करे।