प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कोयला लेवी मामले की जांच के तहत कांग्रेस विधायकों और पार्टी से जुड़े लोगों के आवास पर छापेमारी हुई है। छत्तीसगढ़ में कुल 10 से 12 ठिकानों पर छापेमारी हुई है। ईडी की छापेमारी के बाद कांग्रेस ने सोमवार को केंद्र सरकार की आलोचना की है।
दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश और मीडिया विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने आरोप लगाया है कि अब ‘लोकतंत्र को खत्म करना’ ही ईडी काम काम बन गया है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि, वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ही प्रवर्तन निदेशालय ओवरड्राइव पर है। पवन खेड़ा ने कहा कि एजेंसी ने 2004 से 2014 के बीच जब यूपीए सत्ता में थी तो कुल 112 छापे मारे थे। इसके मुकाबले पिछले आठ वर्षों में ईडी ने 3010 छापे मारे थे। इनमें से 95 प्रतिशत विपक्षी राजनेताओं को निशाना बनाया गया था।
पवन खेड़ा ने कहा कि, ईडी ने 2014 के बाद से 24 बार कांग्रेस नेताओं को निशाना बनाकर छापेमारी की है। जबकि टीएमसी नेताओं को 19 बार निशाना बनाया गया, एनसीपी नेताओं को 11 बार, शिवसेना नेताओं को 8 बार, राजद नेताओं को 5 बार, टीडीपी नेताओं को 5 बार, बीजद नेताओं को 6 बार व अन्य कई नेताओं को निशाना बनाया गया है।
खेड़ा ने आगे कहा कि, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2014 में करोड़ों रुपये के शारदा घोटाले के सिलसिले में हिमंत बिस्वा सरमा से जुड़े परिसरों पर छापा मारा था, लेकिन आज वह निष्पक्ष और प्यारे हैं क्योंकि वह असम के मुख्यमंत्री बन गए है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ और शुभेंदु अधिकारी, बी एस येदियुरप्पा, रेड्डी बंधुओं, मुकुल रॉय के खिलाफ भी मामलों का क्या हुआ ? कई नाम हैं… वे सभी अब फेयर एंड लवली के ब्रांड एंबेसडर बन गए है।
जयराम रमेश ने कहा कि, कांग्रेस डराने-धमकाने की राजनीति के आगे झुकने वाली नहीं हैं। हम इसका डटकर मुकाबला करेंगे चाहे छापा पड़े। जहां छापेमारी की जरूरत हो सरकार वहां छापेमारी नहीं करती। ईडी को वहां खुला नहीं करती जहां इसकी जरूरत है। प्रधानमंत्री के चहेते उद्योगपति गौतम अडानी के बारे में जो खुलासे हो रहे हैं उनके खिलाफ कोई जांच नहीं, कोई छापेमारी नहीं, जेपीसी की मांग भी ठुकरा दी गई है।