छत्तीसगढ़ के तर्रेम इलाके में शनिवार को नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद होने वाले जवानों की संख्या 24 हो गयी है। कुछ अभी जबकि कम से कम 10 नक्सली भी मारे गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को कहा कि सुरक्षा बलों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी और नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज किया जाएगा।
यह मुठभेड़ शनिवार को हुई थी। अभी तक की जानकारी के मुताबिक 20 जवानों के शव घटनास्थल पर हैं। बताया गया है कि इस घटना में 24 जवान शहीद हुए हैं। नक्सल प्रभावित तर्रेंम क्षेत्र के जोन्नागुड़ा के जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच यह मुठभेड़ हुई थी। पुलिस के मुताबिक दो शव निकाले गए हैं जबकि 20 शव घटनास्थल पर हैं।
पुलिस के मुताबिक गांव के नजदीक के जंगल में जवानों के शव मिले हैं। हमलावर नक्सली जवानों के हथियार और यहाँ तक कि जूते और कपड़े भी अपने साथ ले गए हैं। मुठभेड़ के बाद 15 से 20 जवान लापता बताए जा रहे थे। करीब 30 जवान घायल हैं जिनमें से कुछ की हालत गंभीर थी लेकिन अब वे बेहतर हैं। अस्पताल में उनका जीवन बचाने की कोशिश की जा रही है। इनमें से सात का रायपुर जबकि 23 का बीजापुर में इलाज किया जा रहा।
मुठभेड़ में बड़ी संख्या में जवानों के शहीद होने की शनिवार को ही घटना स्थल पर बैकअप पार्टी भेजी गई है। पुलिस के मुताबिक मौके से अब तक एक नक्सली का शव मिला है जो महिला है। पुलिस ने कहा है कि 10 से ज्यादा नक्सली भी मारे गए हैं।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी है और उनके परिवारों से संवेदना प्रकट की है।
मुख्यमंत्री भूपेश भगेल घटना की जानकारी मिलते ही चुनाव प्रचार छोड़कर छत्तीसगढ़ लौट आये हैं। बघेल ने कहा है कि सुरक्षा बलों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। नक्सलियों के विरुद्ध और तेजी से अभियान चलाएंगे। उन्होंने घायलों को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
अभी तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक इलाके में दुर्दांत नक्सली हिड़मा का आतंक है। हिड़मा को नक्सलियों की बटालियन नंबर एक का कमांडर माना जाता है। सुरक्षा बलों को शुक्रवार को इलाके में उसकी उपस्थिति की जानकारी मिली थी जिसके बाद उसे घेरने की योजना बनाई गयी और बड़ी संख्या में टीम को इलाके को रवाना किया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजापुर जिला मुख्यालय से करीब 75 किलोमीटर दूर तर्रेंम क्षेत्र के सिलगेर गांव के नजदीक जंगल में शुक्रवार को डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), सीआरपीएफ, एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और कोबरा बटालियन की साझी टीम रवाना की गई। इसमें तर्रेम से 760 जवान, उसूर से 200, पामेड़ से 195, सुकमा जिले के मिनपा से 483 और नरसापुरम से 420 जवानों को मिलाकर कुल 2059 जवान शामिल थे।
शनिवार को सर्च के बाद के बाद जब तर्रेम और सुकमा के सिलगेर के बीच जोन्नागुड़ा के जंगल में फोर्स की एक टुकड़ी लौट रही थी तभी नक्सलियों ने उन्हें घेर लिया। इसके बाद वहां मुठभेड़ शुरू हो गयी। चूंकि नक्सली ऊंचाई वाली जगह पर थे, मैदान में से गुजर रहे जवानों को उनसे भिड़ने में दिक्कत आई। पुलिस के मुताबिक वहां 225 से ज्यादा नक्सली थे। मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने राकेट लांचर तक इस्तेमाल किये।