उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के 7 चरण मे होने वाले चुनाव के आज छठे चरण में मतदान हो रहा है। आखिरकार शनैः शनैः छठे चरण तक आ गया है। छठे दौर के चुनाव में बड़े-बड़े नेताओं के भाग्य का फैसला आज मतपेटियों में बंद हो जायेगा। सातवें चरण के लिए मतदान दस जिलों की 57 सीटों पर होने जा रहा है।
सातवें चरण के मतदान में मुख्य तौर पर दो सीटों पर दो बड़े नेताओं की सांख दांव पर लगी है। एक गोरखपुर विधानसभा पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तो दूसरी कुशीनगर जिले की तमकुहीराज विधानसभा सीट से लगातार कांग्रेस के दो बार प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार सिंह (लल्लू) की। चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता हैै चुनाव जीतने के लिये समीकरण सांधे जाते है। लेकिन इन सबमें सबसे महत्वपूर्ण नेताओं की छवि होती है।
बतातें चले, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से 5 बार सांसद रहे है। लेकिन वर्ष 2022 मेंं उनका पहला विधानसभा का चुनाव है। चुनाव भी पूरे प्रदेश में उन्ही की अगुवाई में लड़ा जा रहा है। गोरखपुरसीट में भाजपा का दबादबा रहा है। क्योंकि इस सीट पर गोरक्षपीठ का गहरा प्रभाव है।
वहीं प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय सिंह के चुनाव में कडा मुकाबला की वजह ये है क्योंकि उनकी सीट पर सपा और बसपा पूरी दावेंदारी के साथ चुनाव लड़ रही है।
प्रदेश की राजनीति के जानकार प्रमोद गर्ग का कहना है कि चुनाव छठे दौर के मतदान के बाद अब 7वें दौर का मतदान ही लास्ट बचा है। सो ज्यादात्तर नेताओं का जमावड़ा अब यहां पर देखने को मिला है। जिसमें सबसे ज्यादा भाजपा और सपा के नेताओं की जनसभायें भी हुई है। प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति काफी पतली चुनाव के पहले से मानी जाती रही है।
लेकिन अजय सिंह की छवि ठीक है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी है। उनको भाजपा को छोड़ अन्य दलों से ये उम्मीद थी कि वे कुछ सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ मजबत उम्मीदवार नहीं उतारेगें। पर ऐसा होना सका क्योंकि ये मौजूदा दौर की राजनीति है। प्रमोद गर्ग का कहना है कि जैसे -जैसे चुनाव आखिरी दौर में आता जा रहा है। वैसे -वैसे जातीय-धार्मिक समीकरण के साथ ध्रुवीकरण की राजनीति पर जोर दिया जा रहा है।