पिछले 15 वर्षो से सत्ता से बाहर चली आ रही इनेलो पार्टी के कार्यकर्ताओं को लगता था, कि वर्ष 2019 में होने वाले विधानसभा चुनाव में वे सरकार बनाने में कामयाब हो जाएंगे, परन्तु इनेलो के दो फाड़ होने के कारण अब उनकी उम्मीदे धडाशाही हो गई हैं। आखिर चौटाला परिवार दो फाड़ हो ही गया। चौटाला के दोनों बेटों अजय और अभय के बीच सात अक्टूबर को गोहाना रैली के बाद विरासत की जंग छिड़ गई थी। सत्रह नवंबर, 2018 को दोनों बेटों ने शक्ति परीक्षण के लिए इनेलो राज्य कार्यकारिणी की अलग-अलग बैठकें बुलाई। चंडीगढ़ में विपक्ष के नेता अभय चौटाला की बुलाई बैठक में पार्टी के 18 में से 13 विधायकों ने हिस्सा लिया, जबकि बड़े बेटे अजय चौटाला की जींद में बुलाई गई बैठक में केवल तीन विधायक नैना चौटाला, राजदीप फौगाट और अनुप धानक पहुंचे । विधायकों की तादाद भले ही अभय चौटाला के साथ हो, लेकिन जींद में जिस तरह से भीड़ जुटी, उससे साफ़ हो गया कि लोगों का समर्थन जुटाने में अजय चौटाला कामयाब रहे हैं ।
अजय चौटाला ने पार्टी और चुनाव निशान अपने छोटे भाई अभय चौटाला को गिफ्ट करते हुए कहा कि 9 दिसम्बर, 2018 को जींद में वे एक नए क्षेत्रीय दल का गठन करेंगे । रैली में मौजूद लोगों ने हाथ उठा कर अजय चौटाला का समर्थन किया । संभवतया नई पार्टी का नाम जननायक जनता दल होगा । इस पार्टी का नेतृत्व अजय के सांसद बेटे दुष्यंत चौटाला करेंगे । अजय चौटाला को पैरोल अवधि खत्म होने पर 20 नवंबर को वापस तिहाड़ जेल लौट गए हैं । उन्हें जेबीटी भर्ती घोटाले में इनेलो पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के साथ दस साल की सजा सुनाई गई है ।
क्या मुख्यमंत्री कुर्सी बनी विवाद
इनेलो चाहे दो फाड़ हो गई है, परन्तु अभी भी दोनों भाईयों और परिवारिक सदस्यों द्वारा आपसी मान सम्मान का पूरा ख़्याल रखा जा रहा है । इतना सब कुछ होने के बाद भी दोनों परिवार एक दूसरे के विरुद्ध ओछी राजनीति करते नजऱ नहीं आए और ही नहीं परिवारिक सम्पत्ति लड़ाई झगड़े का कारण हैं । अभय चौटाला इस बात को स्वीकार नहीं करते परन्तु दोनों भतीजों दुष्यंत और दिग्विजय का कहना है कि चाचा को दुष्यंत का लगातार बढ़ रहा क़द पसंद नहीं आ रहा था, जिस कारण उनके मन में कंही न कंही यह बात घर कर गई है कि कंही इनेलो के सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी से वह बाँझे न रह जाए ।
कुर्सी का मोह
पार्टी के दो फाड़ होने के बाद भी अभय चौटाला, नेता विपक्ष की कुर्सी का मोह नहीं छोड़ पा रहे । दुष्यंत और दिग्विजय को तो मात्र इसलिए पार्टी से बाहर कर दिया गया था, कि उन्होंने पार्टी का अनुशासन भंग किया था, परन्तु वह विधायक नैना चौटाला, राजदीप फौगाट और अनुप धानक के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कर रहे, जबकि अजय चौटाला की जींद रैली में ये तीनों विधायक उपस्थित थे । इनेलो विधायक नागेंद्र भड़ाना का तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वंय भाजपा खेमे में शामिल करने तक का ऐलान कर चुके है। इतना ही नहीं नागेंद्र भड़ाना तो राज्यसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर चुके हैं। ऐसे में अगर विधायकों का इस्तीफा हुआ या फिर अभय चौटाला अगर इन विधायकों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के नाम पर भी उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाते हैं, तब भी इनेलो विधायकों की विधानसभा में संख्या कांग्रेस से कम हो जाएगी । असल में यह कुर्सी का मोह ही है जो कि अभय चौटाला को कार्रवाई करने से रोक रहा है । उन्हें इस बात का पता है कि विधायकों की संख्या कम होने पर उनके पास से नेता विपक्ष की कुर्सी छीन जाएगी ।
90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 47 विधायक हैं। 19 विधायकों के साथ अभय चौटाला नेता प्रतिपक्ष हैं। जबकि कांग्रेस के 17 विधायक हैं। पांच विधायक निर्दलीय हैं, जो कि भाजपा के साथ हैं। बसपा के एक विधायक पहले ही भाजपा को समर्थन दे चुके हैं। सदन में शिरोमणि अकाली दल का भी एक विधायक है। कुछ समय पहले तक अकाली दल ने इनेलो को समर्थन दे रखा था लेकिन एसवाईएल के मुद्दे पर इनेलो व अकाली दल अलग हो चुके हैं।
अभय की पत्नी व बेटें भी करेंगे राजनीति
करण और अर्जुन चौटाला को मैदान में उतारा
दुष्यंत और दिग्विजय की काट के लिए अभय चौटाला ने अब अपने दोनों बेटों करण और अर्जुन चौटाला को मैदान में उतार दिया है। अब तक पर्दे के पीछे सक्रिय रहे दोनों भाइयों को पूरी रणनीति के तहत युवा सम्मेलनों की कमान सौंपी गई है। पूरे प्रदेश में होने वाले इन सम्मेलनों के जरिए युवाओं को इनेलो से जोडऩे के साथ ही दुष्यंत-दिग्विजय की ताकत को कमजोर करने तथा पिता अभय चौटाला की ताकत बढ़ाने का प्रयास होगा। संबंधित क्षेत्र के पार्टी विधायक, पूर्व विधायक सहित जिला व हलके के तमाम पदाधिकारी इन सम्मेलनों में शिरकत कर करण-अर्जुन के लिए समर्थन जुटाएंगे। युवाओं को इनेलो से जोडऩे की मुहिम में करण-अर्जुन ने बेरोजगारी को मुद्दा बनाया है। युवा इनेलो और बसपा संयुक्त रूप से जिलास्तरीय कार्यक्रम करेंगे। युवा प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष जस्सी पेटवाड़ की अगुवाई में कार्यक्रम की शुरुआत 2 दिसंबर 2018 को करण-अर्जुन के गृह जिले सिरसा से होगी। इसके बाद 3 को फतेहाबाद, 4 को पंचकूला, 5 को रोहतक, 6 को झज्जर, 8 को अंबाला और 9 को कैथल में कार्यक्रम रखे गए हैं। इसके बाद 10 दिसंबर को गुरुग्राम, 11 को रेवाड़ी, 12 को महेंद्रगढ़, 13 को पलवल, 15 को फरीदाबाद, 16 को भिवानी, 17 को दादरी और 18 दिसंबर को जींद में कार्यक्रम किए जाएंगे।
चौटाला परिवार की दूसरी बहु होगी राजनीति में सक्रिय
अभय चौटाला ने दोनों भतीजों दुष्यंत और दिग्विजय के मुक़ाबले के लिए अपने दोनों बेटों करण और अर्जुन के साथ-साथ अपनी पत्नी कांता चौटाला को भी राजनीति में सक्रिय करने का फैसला किया है । कांता चौटाला, चौटाला परिवार की दूसरी बहु है, जोकि राजनीति में सक्रिय होगी । इससे पहले अजय चौटाला की पत्नी और दुष्यंत-दिग्विजय की माता नैना चौटाला डबवाली विधानसभा सीट से विधायक हैं । नैना चौटाला ने लगभग एक साल पहले हिसार जिले की बरवाला विधानसभा के गांव जुगलान से हरी चुनरी की चौपाल कार्यक्रम की शुरूआत की थी। वह हिसार की 9 विधानसभाओं सहित रतिया, ऐलनाबाद, दादरी, झोझू, घरौंडा, सढौरा, अलेवा, नरवाना व फरमाना सहित लगभग 27 विधानसभा क्षेत्रों में इस कार्यक्रम का आयोजन कर चुकी है। इसे देखते हुए और महिलाओं को इनेलो से जोडऩे के लिए अभय चौटाला ने अपनी पत्नी कांता चौटाला को मैदान में उतार रहे हैं।
आप और दुष्यंत मिलकर लड़ सकते हैं चुनाव
इनेलो टूटने के बाद प्रदेश में चुनावी गठजोड़ की कवायद तेज हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सांसद दुष्यंत चौटाला की खुलकर तारीफ की। केजरीवाल ने कहा कि दुष्यंत चौटाला एक अच्छे नेता हैं और वह उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने यहाँ तक कहा कि अगर वह उन्हें अपनी रैली में आने या गठबंधन का प्रस्ताव देंगे तो उस पर भी विचार जरूर किया जाएगा। जबकि इससे पहले दुष्यंत के भाई दिग्विजय चौटाला ने केजरीवाल की तारीफ की थी। जिस कारण अजय चौटाला की बनने वाली पार्टी के साथ आप के गठबंधन हो सकता है। हरियाणा के लिए दोनों पार्टियाँ नई हैं, दोनों पार्टियाँ पहली बार चुनाव मैदान में उतरेंगी।
एक दिसंबर से रथ पर सवार होंगे अभय चौटाला
विपक्ष के नेता अभय चौटाला एक दिसंबर को रथ पर सवार होंगे । वे अपनी अधिकार यात्रा कुरुक्षेत्र से शुरू करेंगे । इस दौरान वे पूरे हरियाणा का दौरा करेंगे । उनकी यह यात्रा आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों तक जारी रहेगी । अधिकार यात्रा के दौरान सतलुज-यमुना जड़ नहर का निर्माण, जीएसटी के व्यापारियों की परेशानी, किसानों को स्वामीनाथन आयोग के लाभ दिलाने, बेरोजगारों को रोजगार दिलाने जैसे मुद्दों पर खट्टर सरकार को घेरा जाएगा । उन्होंने कहा कि हरियाणा में भाजपा सरकार लोगों की भावनाओं पर खरा नहीं उतर पाई है । इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अगर अजय चौटाला के दोनों बेटे दुष्यंत और दिग्विजय गोहाना रैली में किये गए हुड़दंग के लिए बिना शर्त माफ़ी मांग लें तो इनेलो में उनकी वापसी हो सकती है । जिस कारण यह संभावना भी व्यक्त की जा रही है कि अगर विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाने के लिए अगर दोनों भाईयों को एक दूसरे के सहयोग की आवश्यक्ता पड़ी, तो दोनों में से कोई भी पीछे नहीं हटेगा ।
नैना के नाम पर है सेक्टर तीन का इनेलो कार्यालय
चौटाला परिवार में चल रहे घमासान के बीच विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने चंडीगढ़ स्थित पार्टी का प्रदेश मुख्यालय भी खाली कर दिया है। पार्टी का प्रदेश मुख्यालय विधायक नैना चौटाला के सरकारी फ्लैट में चल रहा था । दुष्यंत और दिग्विजय ने अब इस फ़्लैट को अपनी पार्टी का मुख्यालय बनाने की घौषणा कर दी है।