सीबीआई में चल रहे घमासान के बाद कांग्रेस और हमलवार हो गई है। सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने के फैसले के मोदी सरकार के फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे राफेल से जोड़ा है और सीधे प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लिया है।
राजस्थान के हड़ौती में एक चुनाव रैली में बुधवार को राहुल ने कहा – ”कल रात चौकीदार ने सीबीआई निदेशक को पद से हटा दिया। सीबीआई निदेशक ने राफेल सौदे पर सवाल उठाए थे। उनको हटा दिया गया। मोदी सरकार की मंशा आपके सामने है”।
राहुल कहा कि देश का संविधान खतरे में है। उन्होंने कहा कि पीएम ने अनिल अंबानी के लिए राफेल सौदे में दखलअंदाजी की। ”यूपीए सरकार ने इस सौदे का कॉन्ट्रैक्ट एचएएल को दिया था। यूपीए सरकार के दौरान राफेल की कीमत ५२६ करोड़ रुपये प्रति विमान थी जो मोदी सरकार में १५०० करोड़ हो गयी”।
सीबीआई वाले मसले पर कांग्रेस ने बुधवार को प्रवक्ताओं की पूरी फ़ौज मैदान में उतार दी। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार भारतीय एजेंसियों को ध्वस्त कर रही है। ”उन्हें आईसीयू में धकेल दिया गया है”। सिंघवी ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार घोटालों की पोल खुलने से डरी हुई है। ”मोदी सरकार और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने अपना विशिष्ट गुजरात मॉडल केंद्र और सीबीआई में लागू कर दिया है”। कहा कि राफेल घोटाले से घबराई सरकार ने यह कदम उठाए हैं।
सिंघवी ने कहा कुछ लोग बहुत ज्ञान बाँट रहे थे। ”मैं भी कुछ ज्ञान बाँटना चाहता हूँ। और ज्ञान यह है कि राफेल फोबिया से बचने और अपने तमाम गलत कारनामों को बचाने के लिए आज असंवैधानिक रूप से सीबीआई निदेशक को सस्पेंड कर दिया गया है। यह गैरकानूनी है”। सिंघवी के मुताबिक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को भी नकार दिया है जिसमें शीर्ष अदालत ने सीबीआई चीफ के कार्यकाल को दो वर्ष का बताया था। केंद्र ने चालाकी से सीबीआई निदेशक को ”जबरन छुट्टी” पर भेज दिया है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी सीबीआई के कामकाज में हस्तक्षेप करते हैं। ”पीएम अधिकारियों को बुलाते हैं और फौजदारी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करते हैं”।