राहुल गांधी को आज दिल्ली में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में एक सुर से अध्यक्ष बनाने की मांग हुई। संगठन चुनाव का भी ऐलान कर दिया गया है जिसका काम पहली नवंबर से शुरू हो जाएगा। लेकिन आज की सीडब्ल्यूसी की सबसे बड़ी खबर यह है कि पूर्णकालिक अध्यक्ष के चुनाव, जिनके अगले साल अक्टूबर तक पूरा होने की सम्भावना है, से पहले ही राहुल गांधी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का पद संभाल सकते हैं।
‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक आज की सीडब्ल्यूसी की बैठक में जिस तरह राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग हुई, उससे जाहिर हो गया है कि कथित असंतुष्ट (जी-23) खेमा अकेले पड़ चुका है। रही सही कसर आज अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूरी कर दी जिन्होंने पार्टी के बीच अनुशासन पर सख्ती से जोर दिया। सोनिया ने साफ़ कहा जिन्हें जो कहना है सीधे मुझ से बात करे, मीडिया के जरिये नहीं।
बैठक में जी-23 के तमाम नेता भी राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के समर्थन में दिखे। बैठक के बाद वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ल ने बताया – ‘जिन्हें आप जी-23 कहते हैं, वो भी राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के लिए सहमत हैं। सब ने मिलकर एक दम से पार्टी को अगले चुनावों से पहले पूरी तरह क्रियाशील करने का संकल्प किया है।’
बैठक के बीच में जब राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की बात हुई तो इसपर सभी ने समर्थन किया। उनसे कुछ नेताओं ने संगठन को और गति देने के लिए चुनाव से पहले कार्यकारी अध्यक्ष का जिम्मा सँभालने का आग्रह किया। इसपर राहुल ने कहा -‘मैं इसपर विचार करूंगा।’ बैठक में उपस्थित नेताओं ने बताया कि राहुल की शारीरिक भाषा विशवास से भरी थी और वे इस आग्रह पर बहुत सकारात्मक दिख रहे थे। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि वे ‘कार्यकारी अध्यक्ष’ बनने को तैयार हो सकते हैं।
संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम चलेगा। यह कार्यक्रम ब्लाक स्तर से जिला स्तर तक चलेगा। इसमें जनजागरण तैयारी की जाएगी और यह अभियान 14 नवंबर से शुरू होगा। इसमें केंद्र सरकार की विभिन्न नाकामियों को जनता के सामने लाया जाएगा। इसके तहत पद यात्रा जैसे कार्यक्रम होंगे। सदस्यता अभियान भी जल्दी ही शुरू होगा।
वेणुगोपाल ने बताया कि आज की बैठक में पार्टी ने तीन प्रस्ताव पास किये हैं। इसमें वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की गयी। आर्थिक मोर्चे पर भी चर्चा हुई और स्थिति पर चिंता जताई गयी। महंगाई पर सबसे एक सुर से चिंता जताई और कहा कि देश भर में इसके कारण आम आदमी का जीना मुहाल हो गया है।
बैठक में चीन की भारतीय सीमा में घुसपैठ पर गहन चिंता जताई गयी और कहा गया कि अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद सुरक्षा को लेकर जो खतरा बना है, केंद्र सरकार उसपर खामोश है और लगता है कि सरकार सोई हुई है। पार्टी नेताओं ने गुजरात के अडानी पोर्ट पर बड़े पैमाने पर मिली नशीले पदार्थों की खेप पर सवाल उठाया।
बैठक में लॉक डाउन में बंद हुई छोटी और माध्यम इकाईयों के अभी तक न खुलने पर चर्चा के दौरान कहा गया कि इससे बड़े पैमाने पर लोग बेरोजगार हो गए हैं और सरकार को उनकी बिलकुल भी चिंता नहीं है।