अजय भारत, अटल भाजपा’। यह नारा पीएम नरेंद्र मोदी ने भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रविवार को दिया। अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु के बाद भाजपा अटलजी के नाम के प्रति सम्भवता इसलिए भी ज्यादा आकर्षित हुई है क्योंकि देश ने जिस तरह अटल के जाने का शोक जताया वह अभूतपूर्व था। एक रोज पहले ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ‘अजय भाजपा’ का नारा कार्यकारिणी में दिया था और मोदी ने इसमें कुछ फेरबदल कर दिया। जाहिर है भाजपा में अंतिम आवाज मोदी हैं और नारे गढऩे में उनका कोई सानी नहीं।
मोदी ने कार्यकारिणी में कांग्रेस और विपक्ष को कमजोर बताया और कहा कि इस चुनाव में उनके लिए कोर्ई चुनौती ही नहीं है। भाजपा के खिलाफ बन रहे साझे विपक्ष पर हमला करते हुए मोदी ने कहा – ‘महागठबंधन में नेतृत्व का पता नहीं, नीति अस्पष्ट है और नीयत भ्रष्ट है।’ जाहिर है मोदी भाजपा के बीच तो अपने नेतृत्व के प्रति आश्वस्त हैं हीं, उन्हें यह भी पक्का भरोसा है कि देश में उनके नेतृत्व का कोई तोड़ नहीं! मोदी ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि वे अगले लोक सभा चुनाव में ‘किसी भी तरह की’ चुनौती नहीं देखते। लोकतंत्र में विपक्ष होना जरूरी है लेकिन जो सरकार चलाने में असफल रहें, वे विपक्ष की भूमिका में भी असफल रहे।
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समेत अनेक मुख्यमंत्री, वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
बैठक के आखिरी दिन कार्यकारिणी बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि 2022 तक देश से जातिवाद, संप्रदायवाद, आतंकवाद और नक्सलवाद खत्म होगा। प्रस्ताव के मुताबिक केंद्र सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है और इसकी वजह से उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ रहा है। एनआरसी के मुद्दे पर भी चर्चा हुई जिसमें कहा गया कि घुसपैठियों के लिए देश में कोर्ई जगह नहीं है। अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के सिख, बौद्ध, क्रिश्चियन, हिंदू शरणार्थी अगर देश में आते हैं तो उनकी मदद की जाएगी।
इसकी जानकारी वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कांफ्रेंस में दी। उनके मुताबिक प्रस्ताव में विश्वास जताया गया है कि न्यू-इंडिया का सपना पूरा होकर ही रहेगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष सिर्फ नकारात्मकता की राजनीति में जुटा है।
जावड़ेकर ने बताया कि चार साल पहले एक कमजोर अपारदर्शी और पूंजीवादी अर्थव्यवस्था विरासत में मिली थी जिसे मोदी सरकार ने सुधारों के जरिये मजबूत अर्थव्यवस्था में बदल दिया है। सुरक्षा के मोर्चे पर भी देश मजबूत हुआ है और जम्मू कश्मीर में सख्त कदम उठाने से आतंकवाद कमजोर हुआ है।
मोदी ने देश में राजनीतिक और आर्थिक माहौल बनाया- फोब्र्स पत्रिका
देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज में भारतीय उतरे हैं ‘सीढ़ी से’ । फोब्र्स पत्रिका मेें प्रकाशित गैलप सर्वे के अनुसार पूरे देश में भारतीयों की जि़ंदगी बहुत अच्छी नहीं रही फिर भी मोदी के साथ रही है।
यदि औसत देखें तो 2017 में यह 4.0 स्तर पर 0 से 10 की माप पर थी जो 2014 में 4.4 पीछे है।
गैलप सर्वे के अनुसार जब से मोदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय संभाला तब से उन भारतीयों की तादाद इतनी घटी है जो जि़ंदगी बहुत खुशनुमा नहीं मानते। सिर्फ तीन फीसद भारतीय 2017 में अपनी जि़ंदगी को खुशहाल बता सके। जबकि 2014 में ये चौदह फीसद थे।
सर्वे में जो जानकारी मिली है वह एकदम अलग ही है। भारतीय सकल घरेलू उत्पाद सालाना 8.2 फीसद की दर पर रहा। यह 2016 की पहली तिमाही में था। यह सबसे ज्य़ादा विकास दर है।
भारत का इक्विटी बाजार पिछले पांच साल में 70 फीसद हो गया। इसने मार्केट इंडेक्स को खासा पीछे छोड़ दिया। (स्रोत: 09.07.18 फाइनेंस.याहू.कॉम)
भारत की आर्थिक विकास और इक्विटी बाजार भारतीयों में आज भी लोकप्रिय नहीं है। भारत में सिर्फ लिविंग वेज वाले परिवार खुश नहीं दिखते जिनकी मासिक आमदनी रु पए 17300-17400 मात्र है। हुनरमंद मज़दूर की आमदनी 2017 में घट कर रु पए 10300 मात्र रह गई। जबकि 2014 में यह रु पए 13300 मात्र थी।
देश की जनता के लिए भारतीय आर्थिक और वित्तीय बाजार में मोदी के लिए अच्छी खबर नहीं है। फिर भी देश की जनता मोदी के काम से खुश है। अभी उन्होंने कहा कि वे फिर जीतेंगे और ज्य़ादा संसदीय सीटें अगले साल के चुनाव में लाएंगे। गैलप सर्व के अनुसार, स्टीव क्रैबररी ने बताया कि भारतीयों की लाइफरेटिंग घटी है इसलिए उनका मोदी को समर्थन घटने की बजाए बढ़ा है। भारतीयों में उन्यासी फीसद भारतीय कहते हैं कि वे जो काम कर रहे हैं उससे वे संतुष्ट है। मोदी प्रशंसकों की यह तादाद 2014 में उनके सत्ता संभालने की तुलना में कहीं ज्य़ादा है। इसकी वजह यह नहीं है कि वे बड़ा काम कर रहे थे या कि विपक्ष कमज़ोर है।
यह सही है कि मोदी ने देश में राजनीतिक और मैक्रोइकॉनॉमिक माहौल तो बनाया है। कर प्रणाली दुरु स्त की हैं। विमुद्रीकरण से भ्रष्टाचार भी कुछ कम किया है। देश में व्यापारिक माहौल बनाया है और मंहगाई कम की है।
इस कारण भारत 2017 में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना। यह बात वल्र्ड बैंक विश्व बैंक ने भी ग्लोबल इकॉनॉमिक प्रोस्पेक्ट में मानी है। विश्व बैंक की 2017 की रेकिंग में भारत जहां पिछले साल 130वे स्थान पर था। आज वह 100वें स्थान पर आ गया।