यूपी की राजनीति में प्रियंका गांधी की एंट्री के बाद काफी दिलचस्प चीजें देखने को मिल रही हैं। अब बसपा प्रमुख मायावती ने ऐलान किया है कि वो खुद लोक सभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी। मायावती के इस फैसले के पीछे कारण बसपा की सीटों पर ज्यादा समय देना माना जा रहा है क्योंकि भाजपा के लिए मोदी-शाह की जोड़ी के अलावा कांग्रेस के लिए प्रियंका की प्रचार के कारण मायावती कोइ रिस्क नहीं लेना चाहतीं।
मायावती ने बुधवार एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा – ”फिलहाल मैं लोकसभा नहीं चुनाव लडूंगी, आगे जहां से चाहूं सीट खाली कराकर चुनाव लड़कर संसद जा सकती हूं। मेरे चुनाव लड़ने पर कार्यकर्ता मना करने के बावजूद मेरी लोकसभा सीट पर प्रचार करने जाएंगे, इससे बाकी सीटों पर चुनाव प्रभावित होगा। मैंने इसी वजह से यह फैसला किया है।”
हालांकि जानकार मान रहे हैं कि प्रियंका गांधी के मैदान में आने के बाद यूपी के मतदातों में उनमें इंदिरा गांधी की छवि देखने से बसपा के वोट बैंक में सेंध लग सकती है। अगला लोक सभा चुनाव मायावती के लिए बहुत ज्यादा अहम है क्योंकि पिछले लोक सभा चुनाव में यूपी में उसे एक भी सीट नहीं मिली थी।
इस तरह बसपा और मायावती को इस चुनाव में ”जीरो” से शुरू करना है। इसी दवाब में वे सपा से समझौता करने को भी मजबूर हुईं हैं। मायावती चतुर राजनीतिक हैं और स्थिति को अच्छी तरह से समझती हैं। भले वे पीएम की दौड़ में अपने लोगों के जरिये खुद को आगे रखने की रणनीति पर काम कर रही हैं, इसके पीछे असली मकसद यूपी में बसपा की प्रसांगिकता बनाये रखना है।
कांग्रेस से उनके दूरी रखने और कांग्रेस को लगातार कोसने के पीछे भी यही बजह मानी जा रही है कि प्रियंका के आने को मायावती बसपा के लिए खतरा मान रही हैं। अब उनके चुनाव में न उतरने से वे अपने बाकी उम्मीदवारों को ज्यादा वक्त दे पाएंगी।
मायावती ने आज कहा – ”अभी हमारे गठबंधन की स्थिति अच्छी है, फिलहाल लोकसभा का चुनाव नहीं लडूंगी। आगे जरूरत पड़ने पर किसी भी सीट से चुनाव लड़ सकती हूं।” मायावती ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो होने की वजह से उन्हें कई फैसले लेने पड़ते हैं।