चुनाव आयोग ने पीएम मोदी की बायोपिक ”पीएम नरेंद्र मोदी” को १९ मई से पहले रिलीज नहीं करने का सुझाव दिया है। चुनाव आयोग के मुताबिक उसकी राय में देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया जाना चाहिए।
पहले यह बॉयोपिक ११ अप्रैल को रिलीज़ होनी थी लेकिन फिल्म को विपक्षी पार्टियों के जबरदस्त विरोध के चलते रिलीज़ होने से रोक दिया गया था। फिल्म निर्माता इस फिल्म के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गए और वहां इस फिल्म की रिलीज़ का फैसला चुनाव आयोग पर छोड़ दिया गया। आयोग को फिल्म देखकर ये तय करना था कि इस फिल्म से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होता है या नहीं? साथ ही विपक्ष के आरोपों के अनुसार, क्या इस फिल्म से भाजपा और नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनाव २०१९ में कोई मदद मिल सकती है।
इस बात पर भी फैसला लिया जाना है। अब चुनाव आयोग के अधिकारियों की इस राय का सीधा अर्थ है कि मोदी की बायोपिक में ऐसा कुछ तो है, जो आचार संहिता का उल्लंघन है और चुनाव परिणाम पर असर डाल सकता है। फिलहाल अभी सम्भावना बनी हुई है कि यह बायोपिक शायद चुनाव ख़त्म होने से पहले रिलीज न हो पाए।