देश में कोरोना महामारी की रफ्तार दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। आलम ये है, लोगों में 2020 के कोरोना की तरह इस बार 2021 में कोरोना का डर ना के बराबर देखा जा रहा है। सबसे गम्भीर बात ये है कि लोगों के बीच ये मैसेज है कि कोरोना महामारी 4 -5 साल तक रहेगी तो, कब तक घरों में रहेगें। ऐसे में बच्चें, युवा और बुजुर्गों तक कोरोना के नाम पर कोई डर नही। भले ही दिल्ली में पुलिस कोरोना की रोकथाम के लिये बिना मास्क लगाये लोगों का चालान के तौर पर 2 हजार रूपये का चालान काट रही है। फिर भी बिना मास्क लगाये बाजारों में लोग खुले आम घूमते फिरते देखें जा सकते है।
बताते चलें दिल्ली का अपना ही मिजाज है। कोरोना या अन्य बीमारी बड़े ही मौज मस्ती वाली जीवन शैली में रहते रहे है।तलहका संवाददाता को चाँदनी चौक के सतीश ने बताया कि जब देश आजाद हुआ है तब से चाँदनी चौक या अन्य बाजारों की गतिविधियां कभी नहीं थमीं है।लेकिन लाँकडाउन 2020 के दौरान बाजारों के बंद होने के बाद यहां पर अजीब सा माहौल व्यापारियों ने देखा है। लेकिन इस बार व्यापारी भली भाँति जान रहा है कि कोरोना एक बीमारी के साथ –साथ सियासी भी बनता जा रहा है। जैसे पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में कहीं भी कोरोना की चर्चा तक नहीं है। लेकिन जहां चुनाव नहीं है। वहां कोरोना है।ऐसे हालात में अब आम जनमानस में कोरोना के नाम पर ना डर है और ना ही भय है। कहते है कि जब नीति और नियत पर सवाल उठने लगे तो परिणाम भटकाने वाले ही आते है। जैसे कि कोरोना के नाम पर आजकल देशवासियों को देखना पड़ रहा है।