प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को चुनावी राज्य हिमाचल प्रदेश में 11,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने जनसभा में कहा कि आज देश में दो तरह के सरकार चलाने के मॉडल चल रहे हैं – ‘एक सबका साथ, सबका विश्वास और दूसरा खुद का विकास’। पीएम मोदी का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि हाल के उपचुनावों में भाजपा को तीनों विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर शर्मनाक हार झेलनी पड़ी थी।
जनसभा से पहले मोदी ने 11,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास या लोकार्पण किया। उन्होंने 7,000 करोड़ की रेणुका बांध परियोजना और 1,800 करोड़ की 210 मेगावाट से अधिक की लुहरी चरण-1 पनबिजली परियोजना की आधारशिला रखी।
इसके अलावा 2,000 करोड़ रुपये की शिमला जिले की पब्बर नदी पर बनी 111 मेगावाट की सावड़ा कुड्डू पनबिजली परियोजना का लोकार्पण किया। पीएम ने 700 करोड़ रुपये से बनने वाली 66 मेगावाट की धौलासिद्ध पनबिजली परियोजना का भी शिलान्यास किया।
मोदी ने बाद में एक जनसभा में कहा – ”इस राज्य से भावनात्मक लगाव रहा है। आज मैं छोटा काशी आया हूं। चार साल में हिमाचल का काफी तेजी के साथ विकास हुआ है। डबल इंजन की सरकार से तेज विकास हो रहा है।’ पीएम ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि आज देश में दो तरह के सरकार चलाने के मॉडल चल रहे हैं। एक सबका साथ, सबका विश्वास और दूसरा खुद का विकास।
उन्होंने कहा – ‘हर देश में अलग-अलग विचारधाराएं होती हैं, लेकिन आज हमारे देश के लोग स्पष्ट तौर पर दो विचारधाराओं को देख रहे हैं। एक विचारधारा विलंब की है और दूसरी विकास की। विलंब की विचारधारा वालों ने पहाड़ों पर रहने वाले लोगों की कभी परवाह नहीं की।’
इस मौके पर मोदी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की पीठ थपथपाई और कहा कि उन्होंने और उनकी मेहनती टीम ने ‘हिमाचल वासियों के सपनों को पूरा करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है’. कहा कि ‘इन चार सालों में 2 साल हमने मजबूती से कोरोना से भी लड़ाई लड़ी है और विकास के कार्यों को भी रुकने नहीं दिया’।
पीएम ने इस मौके पर कहा कि गिरी नदी पर बन रही रेणुकाजी बांध परियोजना जब पूरी हो जाएगी तो एक बड़े क्षेत्र को इससे सीधा लाभ होगा। इस परियोजना से जो भी आय होगी उसका भी एक बड़ा हिस्सा हिमाचल के ही विकास पर खर्च होगा। मोदी ने कहा – ‘पूरा विश्व भारत की इस बात की प्रशंसा कर रहा है कि हमारा देश किस तरह पर्यावरण को बचाते हुए विकास को गति दे रहा है। सोलर पावर से लेकर हाइड्रो पावर तक पवन ऊर्जा से लेकर ग्रीन हाइड्रोजन तक देश हर संसाधन को पूरी तरह इस्तेमाल करने के लिए निरंतर काम कर रहा है।’
प्रधानमंत्री ने लड़कियों के लिए शादी की उम्र पर बिल लाने का जिक्र करते हुए कहा कि हमने तय किया है कि बेटियों की शादी की उम्र भी वही होनी चाहिए, जिस उम्र में बेटों को शादी की इजाजत मिलती है। बेटियों की शादी की उम्र 21 साल होने से, उन्हें पढ़ने के लिए पूरा समय भी मिलेगा और वो अपना करियर भी बना पाएंगी।