भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में खूनी झड़प के बाद दिल्ली में हलचल है। सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले हैं। इसके अलावा एक लंबी उच्च स्तरीय बैठक हुई है, जिसमें विदेश मंत्री विदेश मंत्री एस जयशंकर और सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी शामिल हुए। इन बैठकों में चीन और भारत के सैनिकों में हुई झड़प को लेकर चर्चा हुई है। इस झड़प में एक अधिकारी सहित भारत के तीन जवान शहीद हुए हैं, जबकि अपुष्ट ख़बरों के मुताबिक चीन के भी ४-५ जवान मारे गए हैं।
सेना प्रमुख एमएम नरवणे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उनके घर पर हो रही बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे। सेना प्रमुख पठानकोट का दौरा रद्द करके यहां पहुंचे हैं। सीडीएस विपिन रावत की आज २४ घंटे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से दूसरी बार मिले हैं।
चीन के सरकारी मुखपत्र ”ग्लोबल टाइम्स” ने भारत की एक वेबसाइट को उद्धत करते हुए इस झड़प में ५ चीनी सैनिकों के मारे जाने की बात कही है। हालांकि, चीन के शाम को जारी आधिकारिक ब्यान में न तो भारत न ही चीन की तरफ मारे जाने वाले सैनिकों की संख्या का कोई जिक्र किया गया है। इसमें सिर्फ स्थिति को बातचीत से निपटाने की बात कही गयी है। हाँ, इसमें दिलचस्प बात यह है कि इसमें भारत पर आरोप लगाया गया है कि उसके सैनिकों ने ”चीन की सीमा” में ”जबरदस्ती” घुसने की कोशिश की।
भारत-चीन के बीच लद्दाख में गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प सोमवार रात ही हो गयी थी, लेकिन भारत सरकार की तरफ से इसकी जानकारी मंगलवार दोपहर को बताई गयी। इस घटना के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सुबह ७.३० बजे ही उच्च स्तरीय बैठक शुरू कर दी थी। राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लद्दाख की घटना के बारे में पूरी जानकारी दी है।