चीन समर्थक माने जाने वाले सीपीएन-माओवादी सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ सोमवार शाम नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने उन्हें रविवार के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। एक समझौते के बाद अब आधी अवधि के बाद दहल की जगह पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पीएम का पद संभालेंगे।
नेपाल में रविवार को दिन भर राजनीतिक घटनाक्रम चला। इसमें प्रचंड को कई अन्य दल दलों का समर्थन मिला। इसके बाद विपक्षी सीपीएन-यूएमएल और अन्य छोटे दलों के समर्थन से दहल ने नई सरकार के गठन का दावा पेश किया।
जानकारी के मुताबिक प्रचंड सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) के अध्यक्ष रवि लामिछाने, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के प्रमुख राजेंद्र लिंगडेन सहित अन्य शीर्ष नेताओं के साथ राष्ट्रपति कार्यालय गये और सरकार बनाने का दावा पेश किया।
पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाले सीपीएन-यूएमएल, सीपीएन-एमसी, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) और अन्य छोटे दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक यहां हुई, जिसमें सभी दल प्रचंड के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमत हुए।
समझौते के तहत 275-सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 सदस्यों के समर्थन का दावा किया गया, जिनमें सीपीएन-यूएमएल के 78, सीपीएन-एमसी के 32, आरएसपी के 20, आरपीपी के 14, जेएसपी के 12, जनमत के छह और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के तीन सदस्य हैं। सरकार के समर्थन में 165 सांसदों ने हस्ताक्षर किये हैं।