भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर की कोलंबो यात्रा के बीच श्रीलंका से रिश्तों में और बेहतरी की तरफ एक बड़े कदम के रूप में भारत और श्रीलंका के बीच मंगलवार को तीन विंड फ़ार्म बनाने की 12 मिलियन डालर की एक परियोजना के समझौते पर दस्तखत हुए हैं।
भारत के लिए यह समझौता इस लिहाज से भी ख़ास है क्योंकि चीनी फर्म को इस परियोजना से दरकिनार किया गया है। चीन पिछले कुछ समय से इस क्षेत्र में जिस तरह प्रभाव बढ़ाने में लगा हुआ था, उसे देखते हुए यह भारत की बड़ी सफलता है।
इस समझौते के मुताबिक दक्षिण भारत और श्रीलंका के बीच तीन छोटे द्वीपों पर विंड टरबाइन बनाने के लिए 12 मिलियन डॉलर की परियोजना 2019 में चीनी फर्म को दी गई थी। परियोजना का खर्चा एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की जगह भारत करेगा।
एक साझे बयान में श्रीलंका के अधिकारियों की तरफ से कहा गया है कि भारत एडीबी के स्थान पर धन मुहैया कराने पर सहमत हो गया है। याद रहे कुछ दिन पहले ही श्रीलंका में चीनी राजदूत ने परियोजना बंद होने पर नाराजगी जताई थी और चेतावनी दी कि भविष्य में इसका ‘नकारात्मक सन्देश’ जाएगा।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की कोलंबो की यात्रा के बीच यह समझौता हुआ है। साझे बयान के मुताबिक प्रतिष्ठानों के निर्माण के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत हुए हैं।