दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन में जन्म दर में कमी के बावजूद पिछले दशक में इजाफा दर्ज किया गया है। चीन की आबादी अब बढ़कर 141 करोड़ हो गई है। पिछले 10 सालों में चीन की आबादी में 5.38 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) ने ये आधिकारिक आंकड़े मंगलवार को जारी किए।
2019 की तुलना में चीन की आबादी में 0.53 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और 1.41 करोड़ को पार कर गई। वर्ष 2019 में चीन की आबादी 1.4 अरब थी। हालांकि, अब आगे आबादी घटने के आसार हैं। चीन के सभी 31 प्रदेश, स्वायत्त क्षेत्र और नगरपालिका की आबादी 1.41178 अरब थी। एनबीएस के अनुसार, नई जनगणना के आंकड़ों से पता चलता है कि चीन जिस संकट का सामना कर रहा था, उसके और गहराने की उम्मीद है।
सबसे ज्यादा बुजुर्ग चीन में
चीन में 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों की आबादी बढ़कर 26.4 करोड़ हो गई है। देश में 89.4 करोड़ लोगों की उम्र 15 से 59 वर्ष के बीच है, जोकि 2010 की तुलना में 6.79 प्रतिशत कम है। चीन के नेताओं ने जनसंख्या को बढ़ने से रोकने के लिए 1980 से जन्म संबंधी सीमाएं लागू की थीं, लेकिन अब उन्हें इस बात की चिंता है कि देश में कामकाजी आयु वर्ग के लोगों की संख्या तेजी से कम हो रही है। इससे अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है। चीन में जन्म संबंधी सीमाओं में ढील दे दी गई है, लेकिन दंपति महंगाई, छोटे आवास और मांओं के साथ नौकरी में होने वाले भेदभाव के कारण बच्चे पैदा करने से खुद परहेज करते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में राष्ट्रीय जन्मदर में अब भी कमी दर्ज की जा रही है, जबकि चीन में पिछले कुछ सालों से राष्ट्रीय जन्मदर बढ़ाने की काफी कोशिश की जा रही है, फिर भी सरकार को इसमें सफलता नहीं मिली है। चीन की जनसंख्या दर में वृद्धि कई सालों से काफी कम रही है, जिसे सही करने के लिए सरकार ने वन चाइल्ड पॉलिसी को भी हटा दिया है और लोगों को दो बच्चों को जन्म देने के लिए प्रोत्साहित किया जा है लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिली है।