पुलवामा आतंकी हमले के बाद थोड़ा सकारात्मक रुख दिखाने वाले चीन ने संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में आखिर फिर पुरानी नीति अपनाते हुए पाकिस्तान में बैठे दुर्दांत आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित होने से बचा लिया। भारत ने चीन के फैसले को बहुत निराशाजनक बताते हुए कहा है कि वह एक आतंकवादी को बचा रहा है।
अमेरिका से भी चीन को उसके फैसले के लिए फटकार मिली है जिसने कहा कि एक आतंकवादी को बचाने के लिए चीन का कदम निंदा योग्य है। गौरतलब है कि २००९, २०१६ और २०१७ में भी चीन ने दिखाते हुए अपने दोस्त पाकिस्तान को ”खुश” रखने की कोशिश की थी। चीन के इस फैसले के बाद अमेरिका ने कहा – ”चौथी बार चीन ने ये अड़ंगा लगाया है। चीन को इस काम को करने से सुरक्षा परिषद को नहीं रोकना चाहिए, लेकिन ऐसा हुआ। ऐसा होने से उपमहाद्वीप में शांति का मिशन फेल हो गया है।”
चीन ने लगातार चौथी बार भारत की उम्मीदों को तोड़ते हुए दुर्दांत मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचा लिया। भारत पिछले १० साल से मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग कर रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने १५ सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति से मसूद पर हर तरह के प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। प्रस्ताव में कहा गया था कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर हथियारों के व्यापार और वैश्विक यात्रा से जुड़े प्रतिबंध लगाने के साथ उसकी परिसंपत्तियां भी ज़ब्त की जाएं।
इस बीच अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता रॉबर्ट ने बयान में कहा – ”चीन का यह कदम आतंकवाद का मुकाबला करने और साउथ एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता को आगे बढ़ाने के घोषित लक्ष्यों के साथ विपरीत है। अगर चीन इन लक्ष्यों के बारे में गंभीर है, तो उसे पाकिस्तान या किसी अन्य देश के आतंकवादियों को परिषद के प्रति जवाबदेह होने से नहीं बचाना चाहिए।” अमेरिका ने यहाँ तक कहा है कि ”अगर चीन अड़ंगा लगाना जारी रखता है, तो जिम्मेदार सदस्य सुरक्षा परिषद में अन्य एक्शन लेने के लिए मजबूर हो सकते हैं। यह बात इतनी नहीं बढ़नी चाहिए।”