चीन का उपग्रह और मिसाइल निगरानी पोत श्रीलंका की बंदरगाह हंबनटोटा पर पहुंच गया है। भारत ने इसे लेकर गंभीर चिंता जताई थी जिसके बाद श्रीलंका ने चीन से इसे न भेजने का आग्रह किया था, हालांकि बाद में उसने इसे भेजने के लिए हाँ कह दी। भारत ने इस घटनाक्रम पर कहा है कि सरकार भारत की सुरक्षा और आर्थिक हितों से जुड़े किसी भी विकास की सावधानीपूर्वक निगरानी करती है और उनकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक हंबनटोटा बंदरगाह पर अपने जहाज को आने को लेकर भारत के विरोध के बाद चीन ने कहा था – ‘कुछ देशों के कोलंबो पर दबाव बनाने के लिए कथित सुरक्षा चिंताओं का हवाला देना और उसके आंतरिक मामलों में पूरी तरह हस्तक्षेप करना बिल्कुल अनुचित है।’ इसके बाद श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के 13 अगस्त को एक आदेश में कहा था कि ‘कोलंबो ने कुछ चिंताओं को लेकर गहन परामर्श किया है’।
इधर भारत की चिंता है कि चीनी पोत के ट्रैकिंग सिस्टम भारतीय प्रतिष्ठानों की जासूसी करने की कोशिश कर सकते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के बयान के मुताबिक ने ‘हमें चीनी पोत के हंबनटोटा की यात्रा की रिपोर्ट की जानकारी है।
बागची ने कहा था कि सरकार भारत की सुरक्षा और आर्थिक हितों से जुड़े किसी भी विकास की सावधानीपूर्वक निगरानी करती है और उनकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करती है।