एलजेपी संगठन में बहुमत का दावा करते हुए एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने मंगलवार शाम पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाकर पार्टी के सभी 5 बागी सांसदों को एलजेपी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इनमें उनके चाचा पशुपति पारस भी शामिल हैं जिनके नेतृत्व में पार्टी सांसदों ने बगावत की। अन्य में प्रिंस राज, वीणा देवी, महबूब अली कैसर और चंदन सिंह शामिल हैं। उधर बागियों ने आज सुबह चिराग को अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान कर दिया था।
इससे पहले आज सुबह पारस गुट ने चिराग को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाने और सूरजभान सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने की बात कही थी। हालांकि, इसके बाद चिराग ने दावा किया कि एलजेपी कार्यकारिणी का बहुमत उनके साथ है। साथ ही चिराग ने कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर पाँचों बागी सांसदों को एलजेपी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
कार्यकारिणी के इस फैसले के बाद यह सांसद पार्टी में किसी भी तरह के फैसले लेने के अधिकारी नहीं होंगे। इन सांसदों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगाकर उन्हें एलजेपी की सक्रिय सदस्यता से निलंबित किया गया।
इससे पहले चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का दावा करने से गुस्साए चिराग समर्थकों ने लोक जनशक्ति पार्टी के ऑफिस में घुसकर सांसद पशुपति पारस के पोस्टर पर पहले कालिख पोती और फिर चिराग पासवान जिंदाबाद के नारे लगाए।
चिराग की बुलाई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक में 5 सांसदों को निलंबित करने के बाद अब पार्टी की राजनीति गरमा गयी है। मामला अब कोर्ट में भी जा सकता है। हालांकि, यह साफ़ है कि पार्टी अब टूट गयी है।