पिछलों दिनों जहां खुदरा महंगाई से लोग हलकान थे, तो अब थोक महंगाई ने आगे फिर से कीमतों में उछाल के संकेत दे दिए हैं। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी से खुदरा महंगाई नवंबर में गिरकर 6.93 फीसदी हो गई। अक्तूबर में यह 11 फीसदी पर थी। हालांकि, इस दौरान थोक कीमतों पर आधारित महंगाई बढ़कर नौ महीने के शीर्ष स्तर पर 1.55 फीसदी हो गई।
नवंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी सीपीआई पर आधारित खुदरा महंगाई घटकर 6.93% पर आ गई। हालांकि, यह आरबीआई के तय लक्ष्य से ज्यादा है। खाद्य कीमतें घटकर 9.43% पर आ गईं, जो अक्तूबर में 11% पर थीं। उधर, विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में तेजी से थोक महंगाई 1.55 फीसदी बढ़कर नौ महीने के शीर्ष पर पहुंच गई। अक्तूबर, 2020 में यह 1.48% और पिछले साल नवंबर में 0.58% रही थी।
सरकार ने केंद्रीय बैंक को 2% घट-बढ़ के साथ महंगाई दर को 4% पर रखने का लक्ष्य दिया है। महंगाई को देखते हुए केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति में किसी तरह का बदलाव नहीं किया था।