हाल की हारों की धूल झाड़कर कांग्रेस शुक्रवार (आज) से तीन दिन तक उदयपुर में में चिंतन शिविर के जरिये न सिर्फ हाल की हार पर मंथन करेगी अपितु भविष्य की रणनीति भी बुनेगी। इस शिविर में पार्टी के तमाम दिग्गज हिस्सा ले रहे हैं। पार्टी के भीतर असंतुष्ट धड़ा भी कह सकता है। ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक शिविर में राहुल गांधी को फिर कांग्रेस की बागडोर सौंपने की मांग उठाने की तैयारी कर ली गयी है।
तीन दिन के इस शिविर में पार्टी देश में बढ़ रहे साम्प्रदायिक तनाव पर प्रस्ताव लाने की तैयारी कर चुकी है। इसके अलावा तीन प्रस्ताव पार्टी ला रही है जिसमें राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव भी शामिल हैं। लगातार चुनावी हारों के बाद पार्टी के भीतर पसरी बेचैनी को देखते हुए संगठन को मजबूत करने पर ख़ास जोर दिए जाने की संभावना है।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए उन्हें शिविर के आरम्भ में सम्बोधित कर सकती हैं। राहुल गांधी, मनमोहन सिंह के अलावा गुलाम नबी आज़ाद और अन्य दिग्गज नेता अपने विचार रखेंगे। पार्टी अध्यक्ष ने चिंतन शिविर के लिए छह समूहों का गठन किया है और इनमें से प्रत्येक में 65 नेता होंगे। महत्वपूर्ण विषयों पर यह नेता चर्चा करके उसे पार्टी की रे के साथ प्रस्तावों में शामिल करेंगे।
जिन महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जानी है उनमें गैर-भाजपा/एनडीए राज्यों के साथ केंद्र के ‘भेदभाव’ का मसला भी शामिल है। इसके अलावा केंद्र-राज्य संबंध, देश स्थिति, किसान, पूर्वोत्तर राज्यों की स्थिति, महंगाई, जम्मू-कश्मीर का मसला, अल्पसंख्यक में बढ़ती असुरक्षा की भावना, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, बेरोजगारी जैसे बड़े मुद्दे शामिल हैं।
हाल की चुनावी हार के बाद ‘एक व्यक्ति एक पद’, गांधी परिवार से बाहर के लोगों को बड़ी जिम्मेएदारियाँ देना, राष्ट्रीय, राज्यीय, जिला और ब्लॉक स्तर पर सांगठनिक बदलाव पर गहन चर्चा हो सकती है। पार्टी एक परिवार में एक से ज्यादा लोगों को टिकट न देने का फैसला भी कर सकती है।
चिंतन शिविर में इस बात पर जोर दिया जा सकता है कि तुरंत प्रभाव से राष्ट्रीय स्तर पर आम जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने के लिए जनता के बीच जाकर आंदोलन किये जाएँ। साथ ही भाजपा के नेताओं पर व्यक्तिगत हमले न करते हुए सरकार के कामकाज और लोगों में महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से उभर रही नाराजगी को आंदोलन के केंद्र में रखा जाए।
इस बैठक में पार्टी का एक मजबूत बड़ा धड़ा राहुल गांधी को दोबारा कांग्रेस की कमान देने की मजबूत मांग उठाने की तैयारी कर रहा है। राहुल गांधी ने भले अध्यक्ष पद संभालने को लेकर खुद कोई बात नहीं की है न कोई दिलचस्पी दिखाई है, पार्टी के भीतर उन्हें संगठन की कमान देने की मांग बड़ा धड़ा कर रहा है।