चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं। उन्होंने सोमवार को पंजाब राजभवन में अपने पद की शपथ ली। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने पद और गोपनीयता के शपथ दिलाई। उनके साथ वरिष्ठ विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी ने केबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। दोनों को उप मुख्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने चन्नी को मुख्यमंत्री पद का जिम्मा सँभालने पर बधाई दी है।
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी उपस्थित रहे। आज सुबह प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने एक ट्वीट करके कहा था कि पार्टी आने वाला विधानसभा चुनाव प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में लड़ेगी। तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह शपथ ग्रहण में नहीं आये। हालांकि, ख़बरें हैं कि उन्होंने चन्नी को दोपहर के भोजन पर आमंत्रित किया है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी है।
चन्नी का कांग्रेस ने दलित चेहरे के रूप में विधानसभा चुनाव के नजरिये से मुख्यमंत्री पद पर चयन किया है। रविवार को काफी ऊहापोह के बाद कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से चन्नी को विधायक दल का नेता घोषित किया था। जट्ट सिख नवजोत सिंह सिद्धू पहले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं। अब हिन्दू सोनी को उप मुख्यमंत्री का दर्जा देकर संतुलन साधने की कोशिश की गयी है।
सरकार में रंधावा मुख्यमंत्री के बाद दूसरे नंबर के मंत्री होंगे। रंधावा के परिवार का का कांग्रेस से दशकों का रिश्ता रहा है। वे किसान परिवार से हैं और किसान आंदोलन में सरकार की तरफ से किसान नेताओं से बातचीत का जिम्मा सँभालते रहे हैं। उनके पिता संतोख सिंह रंधावा दो बार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे। रंधावा को ‘माझा का सरदार’ कहा जाता है। यह चर्चा है कि उन्हें बहुत महत्वपूर्ण विभाग दिया जा सकता है जिसमें गृह मंत्रालय भी शामिल है।
शपथग्रहण से पहले चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर के कतलगढ़ साहिब गुरुद्वारा पहुंचे और परिवार सहित गुरद्वारे में मत्था टेका। कांग्रेस ने चन्नी के रूप में बड़ा फैसला किया है। एक दलित को मुख्य्मंत्री बनाकर कांग्रेस ने भाजपा और अकाली दल-बसपा को झटका देने की कोशिश की है, जिन्होंने हाल में चुनाव के बाद किसी दलित को उप मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की थी।
शपथ ग्रहण में शामिल होकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सन्देश देने की कोशिश की है कि चन्नी का चुनाव हाईकमांड का फैसला है और उन्हें पूरा सहयोग दिया जाना चाहिए। राहुल शपथ ग्रहण में कुछ देरी से पहुंचे और आते ही चन्नी से हाथ मिलाकर, उन्हे मुख्य मंत्री बनने की बधाई दी।