भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि ताउते गुजरात के तट से बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान के तौर पर आधी रात के करीब गुजरा और धीरे-धीरे कमजोर होकर गंभीर चक्रवाती तूफान तथा बाद में और कमजोर होकर अब चक्रवाती तूफान में बदल गया है। इसका असर एनसीआर और उत्तर भारत में भी देखने को मिल सकता है। इन इलाकों में 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और तेज बारिश की भी संभावना जताई गई है।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि ताउते के चलते 16000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा, 40 हजार से ज्यादा पेड़ और 70 हजार से ज्यादा बिजली के खंभे उखड़ गए जबकि 5951 गांवों में बिजली गुल हो गई। रुपाणी बताया कि चक्रवात के कारण मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा 13 का है। इसे अब तक का सबसे बुरा चक्रवात बताया गया। कई इलाकों में 150 से 175 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गई।
चक्रवात ताउते दोपहर बाद अहमदाबाद जिले की सीमा से लगते हुए उत्तर की तरफ बढ़ गया और इससे पहले और इस दौरान भी यहां लगातार भारी बारिश हुई जिससे शहर के कई इलाकों में घुटनों तक जलभराव हो गया। अधिकारियों ने कहा कि ताउते की तीव्रता भले ही कमजोर हो गई हो लेकिन यह अपने पीछे विनाश के चिन्ह छोड़ गया जिसमें भावनगर,राजकोट, पाटण, अमरेली और वलसाड समेत गुजरात के विभिन्न इलाके इसकी चपेट में आ गए।
707 कर्मियों को ले जा रहे तीन बजरे और एक ऑयल रिग सोमवार समुद्र में फंस गया था। तटरक्षक बल के दो चेतक हेलीकॉप्टरों ने बेहद खराब मौसम के बीच के सतपति तट के निकट समुद्र में फंसे जहाज के चालक दल के आठ सदस्यों को भी बचा लिया। इस बीच एक अधिकारी ने बताया कि विपरीत मौसम से जूझते हुए भारतीय नौसेना और तटरक्षक बलों ने ताउते के दस्तक देने से पहले मुंबई के निकट अरब सागर में फंसे दो बजरों में मौजूद 317 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है, लेकिन 390 लोग अब भी फंसे हुए हैं। नौसेना ने बताया कि तीन जहाज फंस गए, जिनमें एक में ही 273 लोग सवार थे, जिनमें से 180 लोगों को बचा लिया गया, बाकी लापता हैं।