मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद ३७० को हटाए जाने के बाद राज्य में लगाई गईं पाबंदियां अब धीरे-धीरे खत्म की जा रही हैं। सरकार ने दावा किया है कि राज्य में जनजीवन सुचारू करने के लिए पांच जिलों में मोबाइल और इंटरनेट सेवा शुरू करने के बाद लैंडलाइन फोन भी बहाल किये गए हैं जबकि सोमवार से कुछ शिक्षा संस्थान भी खोलने की तैयारी है। उधर उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती सहित जिन राजनीतिक नेताओं को गिरफ्तार या घर में नजरबन्द किया गया है उन्हें छोड़ने को लेकर सरकार ने अभी कुछ नहीं कहा है।
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक ३५ पुलिस थाना क्षेत्रों में प्रतिबंधों में ढील दी गई है, जबकि १७ टेलीफोन एक्सचेंजों के करीब ५० हजार लैंडलाइन फोन चालू कर दिए गए हैं। जम्मू कश्मीर के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने बताया कि घाटी में प्राथमिक स्कूल सोमवार से खुलेगें। सोमवार से ही सरकारी दफ्तर भी पूरी तरह काम करना शुरू कर देंगे।
उधर श्रीनगर के डीसी शाहिद चौधरी ने कहा – ”सोमवार को १९० स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो जाएगी और पिछले दस दिन में पढ़ाई के नुकसान की भरपाई के लिए अतिरिक्त (एक्स्ट्रा) क्लासिस की योजना बनाई है।” इससे पहले शनिवार सुबह प्रतिबंधों को कम करके अपने कार्यालयों की ओर सरकारी कर्मचारियों की आवाजाही को आसान बनाया गया था।
शनिवार को सुरक्षा बल तैनात रहे और सड़कों पर बैरिकेड लगे हुए थे। लोगों को उनकी जांच करने के बाद ही आगे बढ़ने दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि राजबाग और जवाहर नगर जैसे घाटी के कुछ क्षेत्रों में लैंडलाइन फोन सेवाएं बहाल कर दी गईं है हालांकि लाल चौक, प्रेस एन्क्लेव और इसके आसपास के अन्य क्षेत्रों सहित इंडस्ट्रियल एरिया में पाबंदी अभी भी लागू हैं।
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद ३७० को केंद्र सरकार की तरफ से संसद इ दोनों सदनों में राष्ट्रपति का आदेश पारित करवाने के बाद हटा दिया गया था। ऐहतियातन इससे पहले ही घाटी में धारा १४४ लागू कर दी गई थी जिसके बाद पिछले १२ दिन से घाटी में संचार सेवाएं, स्कूल-कॉलेज, सरकारी दफ्तर बंद थे। ईद में कुछ लोग घरों से निकले थे। अब सरकार का दावा है कि होती में भी हालत सामान्य हो रहे हैं और कोइ घटना नहीं हुई है।