कोरोना वायरस पर पीएम मोदी ने गुरूवार शाम राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में जनता से अपील की है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें। मोदी ने इस रविवार (२२ मार्च) को सुबह ७ बजे से रात ९ बजे तक सभी देशवासियों को जनता-कर्फ्यू का पालन करने के लिए कहा है।
मोदी ने कहा कि इस स्थिति में, जबकि इस बीमारी की कोई दवा नहीं है तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना बहुत आवश्यक है। इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए अनिवार्य है संयम। कहा कि आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे।
उन्होंने कहा कि जब बड़े-बड़े और विकसित देशों में हम कोरोना महामारी का व्यापक प्रभाव देख रहे हैं तो भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, ये मानना गलत है। शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का जैसे विस्फोट हुआ है। इन देशों में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। भारत सरकार इस स्थिति पर, कोरोना के फैलाव के इस ट्रैक रेकॉर्ड पर पूरी तरह नजर रखे हुए है।
पीएम ने कहा कि अभी तक विज्ञान कोरोना महामारी से बचने के लिए कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है। ऐसी स्थिति में चिंता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है। ”मैं आप सभी देशवासियों से कुछ मांगने आया हूं। मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए। आपका आने वाला कुछ समय चाहिए।”
मोदी ने कहा – ”साथियों, आपसे मैंने जो भी मांगा है, मुझे कभी देशवासियों ने निराश नहीं किया है। ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हमारे प्रयास सफल होते हैं। वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है। इसलिए प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतर्क रहना बहुत आवश्यक है।
पीएम ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं। लेकिन बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं, सब कुछ ठीक है। ”आम तौर पर कभी जब कोई प्राकृतिक संकट आता है तो वो कुछ देशों या राज्यों तक ही सीमित रहता है। लेकिन इस बार ये संकट ऐसा है, जिसने विश्व भर में पूरी मानवजाति को संकट में डाल दिया है।”
उन्होंने कहा कि पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत बड़े गंभीर दौर से गुजर रहा है।
इसलिए मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें। जितना संभव हो सके आप अपना काम, चाहे बिजनेस से जुड़ा हो, ऑफिस से जुड़ा हो, अपने घर से ही करें।
उन्होंने कहा – ”संयम का तरीका क्या है? भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना। आजकल जिसे सोशल डिस्टेंसिंग कहा जा रहा है, कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में ये बहुत ज्यादा आवश्यक है। मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं। ये है जनता-कर्फ्यू। जनता कर्फ्यू यानि जनता के लिए जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू।”
मोदी ने कहा कि ”मेरा एक और आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी सीनियर सिटिजन्स हों, ६५ वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्ति हों, वो आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें। संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम १० लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताए। २२ मार्च को हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा। उस दिन जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे।”
पीएम ने कहा कि ”ये कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है। आपके इन प्रयासों के बीच, जनता-कर्फ्यू के दिन २२ मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं।”