मंदी के जबरदस्त दवाब के बीच शुक्रवार को सरकार ने घरेलू कंपनियों को बड़ी राहत का ऐलान किया है। यह ऐलान जीएसटी परिषद की बैठक से कुछ घंटे पहले किये गए हैं। इन ऐलानों का असर यह हुआ है कि सेंसेक्स में १७०० अंक का उछाल आया है। उधर निफ्टी में ३४८ अंक की बढ़त दिखी है।
सरकार की और से राहत का ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस में किया। आज ही गोआ में जीएसटी परिषद की बैठक भी होनी है। सीतारमण ने बताया कि घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कमी की गयी है। इसके लिए आयकर अधिनियम, १९६१ में संशोधन किया गया है।
सीतारमण ने कहा – ”हमने (सरकार ने) घरेलू कंपनियों और नई घरेलू मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के कॉरपोरेट टैक्स दरें घटाने का प्रस्ताव किया है। टैक्सेशन में और वित्तीय राहत उपाय किए जाएंगे। कॉरपोरेट्स जो छूट का लाभ नहीं ले रहे हैं वे २२ फीसद की दर से टैक्स अदा कर सकते हैं। स्थानीय कंपनियों के लिए कोई मिनिमम अल्टरनेट टैक्स नहीं होगा।”
वित्त मंत्री ने कहा – ”पहली अक्टूबर, २०१९ के बाद स्थापित होने वाली कंपनियों के पास १५ फीसद की दर से टैक्स का भुगतान करने का विकल्प होगा। नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए टैक्स की प्रभावी दर सरचार्ज और टैक्स सहित १७.०१ फीसद होगी। मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने के लिए आयकर अधिनियम में एक नई धारा जोड़ी जाएगी जो २०१९-२० से प्रभावी होगी। इससे पहली अक्टूबर, २०१९ के बाद गठित होने वाली नई घरेलू कंपनियां जो मैन्युफैक्चरिंग में नया निवेश करने जा रही हैं, उन्हें १५ फीसद की दर से इनकम टैक्स का भुगतान करने का विकल्प मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि शेयर बायबैक पर २० फीसद का टैक्स लागू नहीं होगा। कहा कि कॉरपोरेट टैक्स में कमी से हर साल राजकोष पर एक लाख ४५ हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सरकार के इस कदम को ”बोल्ड” बताते हुए इसका स्वागत किया है।
सीतारमण ने कहा कि यदि कोई घरेलू कंपनी किसी प्रोत्साहन का लाभ नहीं ले तो उसके पास २२ प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान करने का विकल्प होगा। जो कंपनियां २२ प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान करने का विकल्प चुन रही हैं, उन्हें न्यूनतम वैकल्पिक कर का भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी। अधिशेषों और उपकर समेत प्रभावी दर २५.१७ प्रतिशत होगी। पहली अक्टूबर के बाद बनी नयी घरेलू विनिर्माण कंपनियां बिना किसी प्रोत्साहन के १५ प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान कर सकती हैं। नयी विनिर्माण कंपनियों के लिये सभी अधिशेषों और उपकर समेत प्रभावी दर १७.०१ प्रतिशत होगी।
वित्त मंत्री के मुताबिक अभी छूट का लाभ उठा रही कंपनियां इनकी अवधि समाप्त होने के बाद कम दर पर कर भरने का विकल्प चुन सकती हैं। घरेलू मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की भी घोषणा उन्होंने की है। कैपिटल गेन टैक्स से सरचार्ज हटाने की भी घोषणा की है।
सीतारमण ने कहा कि प्रतिभूति लेन-देन कर की देनदारी वाली कंपनियों के शेयरों की बिक्री से हुए पूंजीगत लाभ पर बजट में प्रस्तावित अतिरिक्त अधिशेष नहीं होगा लागू।
एफपीआई के पास मौजूद डेरिवेटिव समेत किसी भी प्रतिभूति की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर धनाढ्य उपकर नहीं लगेगा । शेयरों की पुनर्खरीद की घोषणा पांच जुलाई से पहले करने वाली कंपनियों पर टैक्स भी नहीं लगेगा।
इसके अलावा वित्त मंत्री ने बताया कि कॉरपोरेट कर की दर घटाने से राजस्व में सालाना १.४५ लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है। वित्त मंत्री ने कहा कि कर छूट से मेक इन इडिया में निवेश आएगा, रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी, इससे राजस्व बढ़ेगा।