ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम की 150 सीटों पर अब तक के मतगणना रुझानों में टीआरएस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। दोपहर 2.30 बजे तक के रुझानों के मुताबिक सत्तारूढ़ टीआरएस 64 सीटों पर आगे है जबकि पिछले चुनाव में खराब प्रदर्शन करने वाली भाजपा बेहतर प्रदर्शन के साथ 42 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है। अपने गढ़ में ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) 37 सीटों पर आगे है जबकि कांग्रेस 3 सीटों पर सिमटती दिख रही है। शाम तक पूरे नतीजे सामने आने की संभावना है।
केसीआर की सत्तारूढ़ टीआरएस की 64 सीटों पर बढ़त है और अब तक 150 में से 146 सीटों के रुझान सामने आये हैं। ओवैसी की एआईएमआईएम, जो पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रही थी, को अब तक 37 सीटों पर बढ़त हासिल है जबकि कांग्रेस को 3 सीटों पर। रुझानों के बाद भाजपा सांसद डी अरविंद ने कहा कि तेलंगाना राज्य में परिवर्तन शुरू हो गया है।
बता दें यह पहली बार था जब भाजपा ने अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ सहित राष्ट्रीय नेताओं को इसी निगम चुनाव में झोंककर साफ़ कर दिया था कि वो पार्टी का आधार बढ़ाने के लिए मैदान में उतर रही है। उसके इस रुख ने टीआरएस को कुछ रक्षात्मक कर दिया था। चुनाव की कमान एक तरह से गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल ली थी। हैदराबाद में भाजपा को 40 से ज्यादा सीट मिलना उसकी बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी जबकि कांग्रेस तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से ही कमजोर हालत में है जिसका फायदा भाजपा को मिला है।
इस चुनाव में 1,122 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं। इसे औवैसी का गढ़ माना जाता है और साफ़ दिख रहा है कि भाजपा यहाँ प्रभावशाली प्रदर्शन करने में सफल रही है। चुनाव के दौरान यह आरोप भी बहुत लगे थे कि पर्दे के पीछे भाजपा ओवैसी की पार्टी से गुप्त समझौता कर चुकी है और उसके वोट भाजपा को ट्रांसफर करने की तैयारी है। भाजपा ने इन आरोप को नकार दिया था।
बता दें 2016 के निगम चुनाव में टीआरएस ने 150 वार्डों पर लड़कर 99 में जीत हासिल की थी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को 44 में जीत मिली थी। तब भाजपा की यहां बुरी गत बनी थी। इस बार तस्वीर बदलने जा रही है और भाजपा निगम पर कब्ज़ा करने की स्थिति में दिख रही है। यदि यह रुझान अंत तक रहते हैं तो भाजपा का ही मेयर यहां बनेगा।
इस चुनाव में 46.55 फीसदी मतदान हुआ था। टीआरएस सभी 150 वार्ड पर चुनाव लड़ रही है जबकि भाजपा 149, कांग्रेस 146 और एमआईएम 51 पर चुनाव लड़ रही है। देश के किसी भी नगर निगम चुनाव को बीजेपी ने पहली बार इतनी आक्रमकता से लड़ा। भाजपा ने प्रचार के लिए अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री अमित शाह, मंत्रियों स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, तेजस्वी सूर्या, देवेंद्र फडनवीस जैसे नेताओं को उतार दिया था। स्ने चुनाव प्रचार का रुख ही बदल दिया।