दीपावली के पर्व को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ रही है। कोरोना काल में भी लोग बाजारों से खरीददारी करने को निकल रहे है। लेकिन इन दिनों दिल्ली –एनसीआर में धुंध की चादर लोगों के जीवन पर विपरीत असर डाल रही है। धुंध –प्रदूषण से लोगों को बचाने के लिये सरकार ने सख्त आदेश दिये है, कि इस बार दीपावली के पर्व पर ग्रीन पटाखे ही जलाये जायेगे और ग्रीन पटाखों की ही बिक्री होगी।
लेकिन हकीकत में हो रहा कुछ और है। तहलका संवाददाता को बाजार के व्यापारियों ने बताया कि बड़े बाजारों में पुलिस की चौकसी के चलते ग्रीन पटाखें ही बेचें जा रहे है। लेकिन दिल्ली के पिछड़े इलाकों में ग्राहकों की मांग पर पटाखा विक्रेता दुकान से दूर रखकर, बारूद भरे पटाखों की जमकर बिक्री कर रहे है।
व्यापारी जे. पी. चावला ने बताया कि पटाखा व्यापारी भली- भाँति जानता है कि पटाखों की दुकानों पर छापा पड़ सकता है। इसलिये पटाखा व्यापारियों ने अपनी दुकान के पास बारूद के पटाखें जमा कर रख लिये है। और मोटी कमाई कर रहे है। उनका कहना है कि फिछले साल भी ग्रीन पटाखों की अनुमति दी गई थी । लेकिन लोगों ने जमकर बारूद वाले पटाखों को जलाया था। इसलिये सरकार को चाहिये कि सख्ती से कानून का पालन करें, ताकि प्रदूषण के कहर को बढ़ावा ना मिल सकें । मयूर बिहार के व्यापारियों का कहना है कि दुकानों में तो ग्रीन पटाखों को सजा कर ऱखा गया है। पर ग्राहकों के मांगने पर बारूद के पटाखों की बिक्री की जा रही है।उनका कहना है कि ये सब प्रशासन से मिलीभगत का नतीजा है। जिससे बाजारों में धड़ल्ले से ग्रीन पटाखों के साथ बारूद के पटाखें बेचें जा रहे है।