उत्तर प्रदेश के चुनाव भाजपा के लिए कितने अहम हो गए हैं यह गुरूवार को तब साबित हो गया जब सीएम योगी आदित्यनाथी ने सपा-बसपा महागठबंधन में जबरदस्त सेंधमारी करते हुए अपनी तत्कालीन लोकसभा सीट गोरखपुर में उपचुनाव में भाजपा को धूल चटाने वाले प्रवीण निषाद को भाजपा में शामिल करवा लिया। इन्हीं निषाद ने उपचुनाव में भाजपा को योगी की सीट पर हराकर जबरदस्त झटका दिया था।
गोरखपुर सीट योगी आदित्यनाथ के सीएम बनाने के बाद ही खाली हुई थी। उससे पहले वे पांच वार यहाँ से सांसद रहे लेकिन उनके सीएम बनने के बावजूद वे अपने इस गढ़ को बचा नहीं पाए थे। अब निषाद पार्टी के भाजपा के साथ जाने को एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन के लिए झटका माना जा रहा है।
निषाद ने महागठबंधन से अलग होने के बाद योगी से मुलाकात करके राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी थी। निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद और पार्टी के अन्य नेताओं ने देर रात मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। भाजपा के यूपी प्रभारी जेपी नड्डा ने संकेत दिए हैं कि प्रवीण निषाद भाजपा के गोरखपुर से उम्मीदवार हो सकते हैं।