यूपी में कोरोना संकट के बीच अपहरण का धंधा मानो तेजी से फल फूल रहा है। अभी कानपुर का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब योगी के गढ़ गोरखपुर में अपहरण की बड़ी वारदात कर बदमाशों ने कारोबीरी के बेटे का अपहरण कर फिरौती की रकम न मिलने पर 14 साल के किशोर की हत्या कर दी।
उत्तर प्रदेश में अपराध पर काबू पाने के तमाम सख्ती के दावों के बावजूद बदमाशों के हौसले बुलंद हैं। गोरखपुर के पिपराइच में रविवार को दिनदहाड़े पान कारोबारी महाजन गुप्ता के 14 वर्षीय इकलौते बेटे बलराम की अपहरण कर लिया गया। इसके बाद बदमाशों ने पिता को फोन कर एक करोड़ की फिरौती मांगी। पैसे न मिलने पर मासूम की घोटकर हत्या कर दी। 14 साल के छात्र का शव सोमवार को घर से सात किलोमीटर दूर एक नाले में बोरे में मिला। पांच बहनों का इकलौता भाई था बलराम। महाजन जमीन का कारोबार भी करते हैं।
हत्या के बाद योगी सरकार की पुलिस सक्रिय हुई। आनन-फानन में एसएसपी ने दरोगा दिग्विजय सिंह समेत पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर जांच कराने का आदेश दिया।
इसके बाद पुलिस ने वारदात में शामिल सात में से पांच अपहर्ताओं को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश किया। पुलिस ने अपहरण और हत्या में शामिल इस सनसनीखेज मामले में निखिल, नितेश पासवान, दयानंद, रिंकू और अजय गुप्ता को गिरफ्तार किया है। बाकी दो आरोपियों नितिन चौहान और अजय चौहान की तलाश में छापे मारे जा रहे हैं।
जानकार ही मास्टरमाइंड
पुलिस के मुताबिक, दयानंद को मालूम था कि महाजन गुप्ता के पास रुपये है। क्योंकि, कुछ दिन पहले ही उसने अपने हिस्से की जमीन बेची थी और 35 लाख रुपये मिले थे। दयानंद भी प्रॉपर्टी का काम करता था इससे उसके पास पूरी जानकारी थी और उसने ही पूरी साजिकश के तहत अपहरण की वारदात के लिए बदमाशों को तैयार किया।