दिल्ली में भले ही कोरोना वायरस के मामलों में गत दो दिनों से गिरावट दर्ज की जा रही है। लेकिन कोरोना का हाहाकार दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में साफ देखा जा रहा है। अस्पताल की पंगु स्वास्थ्य सेवायें मरीजों के लिये मुसीबत बनी हुई है।
बताते चलें, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुये दिल्ली सरकार और केन्द्र सरकार के अस्पतालों में एहतियातन कोरोना बार्डों का विस्तार किया गया था, ताकि किसी भी कोरोना पीड़ित मरीज को इलाज के दौरान कोई दिक्कत ना हो। वहीं गैर कोरोना पीड़ित मरीजों को अस्पताल की पंगु व्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है।
आलम ये है कि अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड से लेकर एक्सरे, एमआरआई सहित अन्य जांचों के लिये भटकना पड़ रहा है।लोकनायक अस्पताल, जीटीबी अस्पताल और एम्स में गैर कोरोना रोगी को इलाज कराने में मुशीबत का सामना करना पड़ रहा है।
एम्स इलाज कराने आये उत्तर प्रदेश के बांदा जिला के अमित कुमार ने बताया कि उनका इलाज नेफ्रो में चल रहा है। कोरोना आने के बाद कुछ समय के लिये तो डाँक्टरों ने कहा कि अस्पताल में आने से बचना । लेकिन जो जांचे डाँक्टरों ने लिखी है उनका अब क्या होगा। जांच की डेट लेने के लिये चक्कर लगा रहे है।
इसी तरह अन्य मरीजों ने बताया कि कोरोना के चलते तामाम जांचों में बिलम्व के कारण उनका रोग बढ़ता जा रहा है।इसी तरह लोक नायक अस्पताल और जीटीबी अस्पताल में यही हाल है। यहां के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बताया कि एक तो स्वास्थ्य सेवायें लचर है। उस पर प्रशासन की अनदेखी की चलते मरीजों को सही समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है।
लोकनायक अस्पताल के एक वरिष्ठ डाँक्टर ने बताया कि कोरोना के साथ अन्य रोगों का इलाज जारी रहना चाहिये ताकि, कोई भी मरीज इलाज के अभाव ने परेशान न हो। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। जो मरीजों के लिये ठीक नहीं है।