मोदी सरकार ने अब पश्चिम बंगाल सरकार से कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ अनुशासनहीनता और सेवा नियमों का उल्लंघन करने के लिये अनुशासनात्मक ”कार्रवाई” करने को कहा है। मंत्रालय ने राजीव को ”कारण बताओ नोटिस” जारी कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से ऐसी प्रक्रिया शुरू करने को कहा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को एक पत्र में कहा कि उसे मिली सूचना के मुताबिक राजीव कुमार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ रविवार को धरने पर बैठे। पात्र के मुताबिक ”यह पहली नजर में अखिल भारतीय सेवा नियमावली, १९६८ और अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियमावली, १९६९ के प्रावधानों का उल्लंघन है। गौरतलब है कि गृह मंत्रालय देश में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों का कैडर नियंत्रण प्राधिकार है।
गौरतलब है कि रविवार को जब सीबीआई की ४० अफसरों की भारी भरकम टीम कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के आवास पर पूछताछ (आरोप के मुताबिक गिरफ्तार करने ) गयी थी तो वहां पुलिस और सीबीआई अधिकारीयों के बीच बड़ा विवाद हो गया था। सीबीआई टीम सारदा चिट फंड घोटाले के सिलसिले में गई थी। पुलिस ने पांच सीबीआई अधिकारियों को ही हिरासत में ले लिया जिसके बाद देश भर में यह मामला गूँज गया।
बाद में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने पुलिस कमिश्नर की मदद के लिए उनके आवास पर पहुँच गईं। सारे मामले के बीच ममता जब धरने पर बैठीं तो राजीव कुमार भी उनके साथ धरने पर बैठ गए थे। इसी आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अब संज्ञान लेते हुए बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर राजीव कुमार के खिलाफ कार्रवाई को कहा है।
गौरतलब है कि आज ही सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को गिरफ्तार नहीं करने और कुमार के खिलाफ गिरफ्तारी समेत कोई भी कड़़ी कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है। सर्वोच्च अदालत ने राजीव कुमार को २० फरवरी को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह भी कहा कि सीबीआई की राजीव से पूछताछ अब कोलकाता नहीं बल्कि शिलांग में होगी।