कांग्रेस से अलग होकर जम्मू कश्मीर में अपनी पार्टी बनाने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद को बड़ा झटका लगा है। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल होने की तैयारी कर रहे डेमोक्रेट आज़ाद पार्टी के तीन बड़े नेताओं, जिनमें एक पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद भी शामिल हैं, को आज़ाद ने पार्टी से बाहर कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक पार्टी से जुड़े नेताओं को उम्मीद थी कि गुलाम नबी आज़ाद सूबे में एक बड़ी राजनीतिक ताकत बनकर उभरेंगे, लेकिन तीन महीने बाद भी पार्टी की सक्रियता न होने के बाद अपने भविष्य को अन्धकार में देखते हुए इन नेताओं ने वापस कांग्रेस में लौटने का मन बना लिया था और वे राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के तैयारी कर रहे थे।
जिन नेताओं को आज़ाद ने पार्टी से बाहर किया है उनमें पूर्व उप मुख्यमंत्री तारा चाँद भी शामिल हैं जो कांग्रेस में दशकों तक रहने के बाद आज़ाद के साथ चले गए थे। डेमोक्रेट आज़ाद पार्टी में तारा चाँद को आज़ाद ने उपाध्यक्ष बनाया था। उनके अलावा पूर्व विधायकों डा. मनोहर लाल और बलवान सिंह भी पार्टी से निष्कासित कर दिए गए हैं।
कांग्रेस का जम्मू में ख़ासा आधार माना जाता है जबकि घाटी में भी पार्टी के विधायक जीतते रहे हैं। आज़ाद राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं और जम्मू संभाग के डोडा जिले से हैं। आज़ाद जब कांग्रेस छोड़कर गए थे तो कई लोगों को बहुत हैरानी हुई थी क्योंकि उन्हें गांधी परिवार का ख़ास माना जाता था। जबकि उन्होंने बगावत भी गांधी परिवार के ही खिलाफ की। संजय गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक आज़ाद गांधी परिवार के चहेते नेता रहे। संजय गांधी तो उनके विवाह में शामिल होने के लिए खास तौर पर श्रीनगर आये थे।
वैसे जम्मू कश्मीर में कांग्रेस का ढांचा आज़ाद के आने के बाद भी बिखरा नहीं था क्योंकि कई बड़े नेता आज़ाद के साथ नहीं गए थे। तारा चंद को आज़ाद का बहुत करीबी माना जाता रहा है और वह पहले नेता थे जिन्होँने राज्य में आज़ाद का झंडा उठाने की घोषणा की थी। लिहाजा उनका उनसे अलग होना आज़ाद के लिए झटका है।
तारा चंद ने आरोप लगाया है कि गुलाम नबी आज़ाद की नई पार्टी जम्मू और कश्मीर में धर्मनिरपेक्ष मतों को विभाजित कर रही है। खबर है कि तारा चंद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राज्य में प्रवेश करने पर उनका स्वागत करने जाएंगे और उसमें लगातार साथ रहेंगे। चर्चा है कि आज़ाद की पार्टी के कई नेता कांग्रेस में लौटने का मन बना चुके हैं और इनमें से कुछ आज़ाद को भी सलाह दे रहे हैं कि उन्हें भी घर वापसी करके कांग्रेस में लौट जाना चाहिए।