गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब में मेडिकल स्टोर की शुरुआत की गयी है, जिसमें आम रोगों से लेकर कैंसर, हार्ट जैसे गम्भीर रोगों की दवाएँ भी फार्मा (दवा) कम्पनियों के रेट पर उपलब्ध करायी जाती हैं। गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब परिसर में ‘बाला प्रीतम दवाखाना’ नाम से यह मेडिकल स्टोर खोला गया है, जो काफी बड़ा है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने तहलका संवाददाता को बताया कि इसी 29 अगस्त को इस दवाखाने का शुभारंभ श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के सम्पूर्णत: दिवस के अवसर पर किया गया है। दवाखाना खोलने के पीछे मकसद के बारे में उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी फैलने से लोग काफी परेशान हैं। गरीबों को पैसों के अभाव में दवाएँ नहीं मिल पा रही हैं। ऐसे में लोगों की दु:खों को देखते हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा बाला प्रीतम नाम से दवाखाना खोलने का फैसला लिया गया। मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब एक पवित्र स्थल है। यहाँ हज़ारों लोग हर रोज़ मत्था टेकने को आते हैं। इन लोगों में किसी को या बाहर किसी को कोई बीमारी हो, तो वह यहाँ से फार्मेसी के रेट पर दवाएँ ले सकेंगे। इन दवाओं में एक रुपये का भी मुनाफा नहीं लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि तमाम दवा कम्पनियों ने खुद गुरुद्वारा कमेटी से सम्पर्क करके कम्पनी रेट पर दवा मुहैया कराने को कहा है।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के एक्जीक्यूटिव सदस्य और गुरु हरिकिशन पोली क्लीनिक के चेयरमैन भूपेन्द्रर सिंह भुल्लर ने बताया कि इस दवाखाने में किसी भी राज्य से किसी जाति-धर्म का कोई भी व्यक्ति दवा ले सकता है। अभी दवाखाना सुबह 10 से रात 8 बजे खुलता है। लेकिन ज़रूरतमंदों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इसके समय में विस्तार किया जाएगा, ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो। उनका कहना है कि दवाखाने के माध्यम से एक ओर मरीज़ों को सस्ती दवा मुहैया करायी जा रही है, तो दूसरी ओर इसमें युवाओं को एक रोज़गार का अवसर मिल रहा है।
भुल्लर का कहना है कि जल्द ही इसी तर्ज पर वहाँ भी दवाखाने खोले जाएँगे, जहाँ पर हमारी डिस्पेंसरी हैं। उन्होंने बताया कि यहाँ पर सारी ब्रांडेड और जेनेरिक दवाएँ उपलब्ध हैं। मतलब, दवा की क्वालिटी से कोई समझौता नहीं। यह शुभ काम है और मरीज़ों के लाभ के लिए है। बताते चले देश में दवा का कारोबार एक बड़े मुनाफे के तौर देखा जाता है और दवा कारोबारी इससे मोटा पैसा कमाते हैं, महामारी में तो कई दवा कारोबारियों ने और भी फायदा उठाया है। ऐसे में गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब का काम बहुत सराहनीय है और उन धर्म स्थलों तथा धर्म के ठेकेदारों के लिए भी प्रेरणास्रोत है, जो जनहित की बात तो करते हैं, पर जनहित नहीं करते। दूसरी धार्मिक संस्थाओं को भी बिना किसी भेदभाव के ऐसी ही पहल करनी चाहिए, ताकि लोगों को सही मायने में लाभ मिल सके। क्योंकि मौज़ूदा दौर में देशवासी, खासकर गरीब और मध्यम वर्ग के लोग पहले ही अनेक परेशानियों में घिरे हैं। बीमार होने पर उनका काफी पैसा इलाज और दवाओं पर खर्च होता है। ऐसे में इस पहल से उन्हें काफी
राहत मिलेगी। गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब में दवा खरीदने आये भुप्पी कपूर ने बताया कि उनके घर में कई लोग अलग-अलग बीमारियाँ हैं, जिससे दवाओं में उनका बहुत पैसा उठ जाता था। लेकिन गुरुद्वारे से दवा खरीदने पर उन्हें काफी राहत मिली है और बचत हो रही है। दवा खरीदने वालों में सविन्दर सहोता ने बताया कि गुरुद्वारे से कोई भी भूखा नहीं जाता है। अब गुरु जी की असीम कृपा से कोई भी गरीब दवा के अभाव के चलते बीमारी से परेशान नहीं रहेगा। दिल्ली के अनेक डॉक्टरों का कहना है कि गुरुद्वारे की इस पहल का सही मायने में बीमार, गरीब लोगों को लाभ होगा; क्योंकि वे बाहर से महँगी दवाएँ नहीं खरीद पाते, जिससे कई बार उनका इलाज नहीं हो पाता। साथ ही इस पहल से दवा कारोबारियों की मनमानी पर भी कुछ हद तक अंकुश लगेगा। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट से आये सुनील सिंह ने बताया कि गुरुद्वारे से उन्हें काफी कम कीमत पर दवा मिली है। उन्होंने देश भर के अन्य धार्मिक अनुष्ठानों से आग्रह किया है कि वो भी इस तरह की पहल करें, जिससे आम लोगों को लाभ हो सके। वैसे तो दिल्ली में तामाम मेडिकल स्टोर वाले दवाओं पर 10 से 15 फीसदी तक की छूट देते हैं, लेकिन गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब में सीधे दवा कम्पनियों से लिये गये मूल्य पर ही बिना एक पैसे का लाभ कमाये दवाएँ दी जा रही हैं, वह काम बहुत सराहनीय है।