प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक साल पहले ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को राष्ट्र को समर्पित किये जाने के एक वर्ष में इसने पर्यटकों को खूब आकर्षित किया है। सरदार वल्लभभाई पटेल की यह मूर्ति विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा है और प्रधानमंत्री ने इसे जब 31 अक्टूबर, 2018 को राष्ट्र को समर्पित किया, तो यह दिन भारत के लौह पुरुष की 143वीं जयंती का भी दिन था।
प्रतिमा को ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ कहा जाता है और यह देश की एकता और अखंडता की प्रतीक होगी। 182 मीटर ऊँची (600 फीट) स्टैच्यू ऑफ यूनिटी न्यूयॉर्क की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से दोगुनी ऊँची है। इससे पहले, विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा चीन में स्थित स्प्रिंग टेम्पल बुद्धा की थी, जो 128 मीटर (420 फीट) ऊँची है।
प्रतिमा गुजरात के मुख्य शहर अहमदाबाद से लगभग 200 किमी (125 मील) की दूरी पर स्थित है। गुजरात के नर्मदा ज़िाले के केवडिया शहर में साधु द्वीप में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को जोडऩे के लिए 3.5 किमी का राजमार्ग बनाया गया है। इसमें 153 मीटर की ऊँचाई पर एक देखने वाली गैलरी है, जो एक बार में 200 आगंतुकों को समायोजित कर सकती है। यही नहीं यह 60 मील/सेकेंड के वेग वाली हवा, कम्पन और भूकम्प का सामना करने में सक्षम है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण के लिए लगभग 22,500 मीटर टन (2,25,00,000 किलोग्राम) सीमेंट का उपयोग किया गया है। सरदार पटेल की प्रतिमा बनाने की परियोजना की घोषणा मोदी ने 2013 में की थी, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। सरदार वल्लभभाई पटेल स्वतंत्रता के बाद भारत के पहले उप प्रधानमंत्री थे। स्वतंत्रता के बाद भारतीय राज्यों का हिस्सा बनाने के लिए सामंती राज्यों को राजी करने के बाद इस राष्ट्रवादी नेता को ‘भारत के लौह पुरुष’ के रूप में जाना जाने लगा। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी प्रोजेक्ट में सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवनकाल को दर्शाने वाला एक अनूठा संग्रहालय और ऑडियो-विजुअल विभाग शामिल है। वाहनों के आवागमन और प्रदूषण से बचने के लिए विशेष नावें मूर्ति और आसपास के क्षेत्र तक पहुँच सकती हैं। गुजरात पर्यटन के नज़रिये से, जिसमें पहले से ही कच्छ के रण और गाँधी सॢकट बड़े आकर्षण के रूप में मौज़ूद हैं, अब स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण साबित हुआ है। इससे सम्बन्धित सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड ने कुछ तथ्य साझा किये हैं –
31 अक्टूबर, 2018 को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को राष्ट्र के लिए समर्पित किये जाने के बाद से यहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ी है।
कुल 27,17,468 पर्यटकों ने इसके निर्माण के पहले वर्ष के दौरान, अर्थात् 01 नवंबर, 2018 से 31 अक्टूबर, 2019 के दौरान, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दीदार किया।
10 नवंबर, 2019 तक कुल 29,32,220 पर्यटकों ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्थल का दौरा किया है।
इनमें से 2,91,640 पर्यटकों यानी करीब 10 प्रतिशत ने अकेले दीपावली के त्योहार के दौरान यहाँ का दौरा किया।
इस दीपावली की छुट्टियों के दौरान प्रति दिन औसत 22,434 सैलानियों ने यहाँ का दौरा किया, जबकि पिछले साल की दीपावली की छुट्टियों के दौरान औसतन 14,918 लोग आये थे।
इस तरह नए आकर्षण जुडऩे से प्रति दिन पर्यटकों की संख्या में 50.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
कुल मिलाकर पर्यटकों की औसत संख्या प्रति दिन 9,063 दर्ज की गयी है। सामान्य कामकाजी दिनों में यह 7,030 प्रति दिन जबकि सप्ताहांत के दिनों (शनिवार और रविवार) को यह 13071 प्रति दिन है।
अब तक हुई कुल आय 80.65 करोड़ रुपये हुई है।
हाल ही में केवडिया में रिवर राफ्टिंग, साइकलिंग और बोटिंग जैसी नई साहसिक गतिविधियाँ विकसित की गई हैं, जिनके प्रति युवाओं की प्रतिक्रिया बहुत सकारात्मक रही है। काफी लोगों को इससे रोज़गार भी मिल रहा है।
इनके अलावा ज़ारवानी ईको-टूरिज्म स्थल पर नाइट ट्रेकिंग, क्लाइम्बिंग वॉल, टू-वे जिप लाइन आदि गतिविधियों विकसित की गयी हैं।
देश में पहली बार नाइट टूरिज्म- मेन रोड और सभी प्रोजेक्ट्स को रात में रंगीन और सजावटी थीम आधारित लाइटिंग से रौशन किया गया है।
अनूठा ग्लो गार्डन एक अन्य प्रमुख आकर्षण है, जो जगमगाते पौधों से अटा है। हर रोज़ 4,000 से 5,000 लोग इसके सौंदर्य का लुत्फ उठाने आते हैं।
इस तरह केवडिया एक अतुलनीय पर्यटक स्थल बन गया है।