दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुजरात के एक एनजीओ की ओर से दायर मानहानि मामले में बीबीसी को समन जारी किया है। यह समन गुजरात दंगों पर बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री के मामले से जुड़ा है।
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने गुजरात के एनजीओ, जस्टिस ऑन ट्रायल की तरफ से दायर मामले में ये समन जारी किया है। इसे सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यह दलील दी गई है कि ये डाक्यूमेंट्री देश और न्यायपालिका की प्रतिष्ठा और प्रधानमंत्री के खिलाफ मानहानि पूर्ण आरोप और जातिगत कलंक लगाती है। याचिका पर समन जारी किया गया है।
उच्च न्यायालय में दायर मामले में आरोप था कि इस डॉक्यूमेंट्री से न केवल प्रधानमंत्री बल्कि न्यायपालिका और पूरे देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया गया है। संगठन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए। उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंट्री ने भारत और न्यायपालिका सहित पूरी व्यवस्था को बदनाम किया है।
याद रहे हाल में दिल्ली की एक निचली अदालत ने बीबीसी, विकिमीडिया फाउंडेशन और इंटरनेट आर्काइव को भाजपा नेता विनय कुमार सिंह की तरफ से दायर एक मानहानि के सूट में समन जारी किया है। इसमें विवादित डॉक्यूमेंट्री या आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद से संबंधित किसी अन्य सामग्री को प्रकाशित करने से रोकने की मांग की गई है।