गीतांजलि श्री प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय बन गयी हैं। उनके हिन्दी उपन्यास ‘रेत समाधि’ के अंग्रेजी अनुवाद को अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज मिला है। इस उपन्यास का अंग्रेजी भाषा में ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ नाम से अनुवाद डेजी रॉकवेल ने किया है और उन्हें भी इस पुरस्कार में भागीदारी मिली है।
बुकर प्राइज ने गुरुवार देर रात एक ट्वीट में कहा – ‘गीतांजलि श्री और @shreedaisy को बधाई।’ इससे पूर्व वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी सहित कई जानी मानी हस्तियों ने पिछले कल उन्हें पुरस्कार घोषित होने से पहले शुभकामनाएं दी थीं। पुरस्कार की घोषणा के बाद श्री को देश भर से बधाई संदेश मिले हैं।
श्री का उपन्यास रेत समाधि (टॉम्ब ऑफ सैंड) यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाला किसी भी भारतीय भाषा का पहला उपन्यास बन गया है। उनके उपन्यास को डेजी रॉकवेल ने अंग्रेज़ी में ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ नाम से अनूदित किया है। यह 50,000 पाउंड के पुरस्कार के लिए हिंदी भाषा का पहला हिन्दी भाषा का उपन्यास है और रॉकवेल को भी इसमें भागीदार बनाया गया है।
रेत समाधि विश्व की उन 13 पुस्तकों में शामिल था, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए सूचीबद्ध किया गया था। बता दें गीतांजलि श्री कई लघु कथाओं और उपन्यासों की लेखिका हैं। उनके 2000 के उपन्यास ‘माई’ को भी 2001 में ‘क्रॉसवर्ड बुक अवार्ड’ के लिए चुना गया था।