जम्मू कश्मीर से बड़ी खबर है। वहां दशकों से अलगाववादी मुहीम से जुड़े रहे सईद अली शाह गिलानी हुर्रियत कांफ्रेंस ले अलहदा हो गए हैं।
गिलानी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरवादी धड़े से सालों से जुड़े थे और उसका उसकी पहचान माने जाते रहे हैं। वे ही हुर्रियत कांफ्रेंस के पहले चेयरमैन थे, और लंबे समय तक रहे हैं।
”तहलका” को मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने एक ब्यान जारी किया है जिसमें अपने हुर्रियत कांफ्रेंस के अलहदा होने की जानकारी दी है। इसे देखकर कहा जा सकता है कि अपनी उम्र और खराब स्वास्थ्य को देखते हुए उन्होंने यह फैसला किया है।
इसे जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी ताकतों के बिखराव के रूप में भी देखा जा सकता है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी ने एक ब्यान जारी करके खुद को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से अलग होने का ऐलान किया है। गिलानी ने अपने फैसले के बारे में हुर्रियत कांफ्रेंस के सदस्यों को बाकायदा पत्र लिखकर फैसले की जानकारी दी है।
गिलानी आंबे आरसे से कश्मीर में हुर्रियत, जिसे अलगाववादी संगठन माना जाट है, के अगुआ रहे हैं। उन्हें पाकिस्तान के करीब माना जाता है और वे कश्मीर की ”आज़ादी” की मांग करते रहे हैं।