मुंबई की एक चॉल के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के मामले में पिछली रात गिरफ्तार शिवसेना सांसद संजय राउत को सोमवार दोपहर सेशन कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ उन्हें 4 दिन के ईडी के रिमांड पर भेज दिया गया। इस बीच शिव सेना ने राउत की गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए कहा है कि पार्टी बिलकुल नहीं झुकेगी।
कोर्ट ने संजय राउत को घर का खाना और दवाई की इजाजत दे दी है। जज ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभी तक मिले सबूतों को देखते हुए राऊत की कस्टडी जरूरी है। हालांकि, उन्होंने ईडी के 8 दिन के रिमांड की मांग को स्वीकार नहीं करते हुए चार दिन की कस्टडी दी। कोर्ट ने कहा कि शिव सेना नेता की सेहत को देखते हुए जरूरत पर उन्हें दवाई और इलाज की इजाजत दी जाती है।
राउत को सेशंस कोर्ट में पेश करने से पहले सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। शिव सैनिकों ने पहले ही राउत की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। मुंबई स्थित ईडी के दफ्तर, जेजे अस्पताल और सेशंस कोर्ट परिसर में करीब 200 पुलिसकर्मियों को तैनात किया है, ताकि किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था की दिक्कत खड़ी न हो। राउत की गिरफ्तारी पर शिवसेना प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा – ‘राउत झुकेंगे नहीं। हम भी देखते हैं कि दिल्ली में कितना दम है?’
याद रहे राउत (60) को दक्षिण मुंबई के बैलार्ड एस्टेट में ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में छह घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद रविवार आधी रात गिरफ्तार कर लिया गया था। अधिकारियों का दावा है कि ‘राउत जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, जिसके कारण उन्हें धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत देर रात 12:05 बजे हिरासत में लिया गया ‘
राज्यसभा सदस्य राउत को आज मुंबई में एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया जाएगा, जहां प्रवर्तन निदेशालय उनकी हिरासत का अनुरोध करेगा। ईडी ने रविवार को मुंबई के भांडुप इलाके में उनके आवास पर तलाशी ली थी और राउत से पूछताछ की थी। शाम तक उन्हें एजेंसी के स्थानीय कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। अधिकारियों का दावा है कि तलाशी के दौरान दल ने 11.5 लाख रुपये नकद बरामद किए।
शिव सेना ने आरोप लगाया है कि संघीय एजेंसी की कार्रवाई का उद्देश्य शिवसेना और महाराष्ट्र को कमजोर करना है और राउत के खिलाफ झूठा मामला तैयार किया गया है। याद रहे अप्रैल में ईडी ने जांच के तहत राउत की पत्नी वर्षा राउत और उनके दो सहयोगियों की 11.15 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया था।