उत्तर प्रदेश में पहले ही ब्राह्मणों की नाराजगी झेल रही भाजपा लखीमपुर खेरी में अपने केंद्रीय मंत्री के बेटे के किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलकर मार देने से पैदा हुए देश भर के गुस्से को देखकर भी अपने ब्राह्मण राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को सरकार से हटाने और उनके आरोपी बेटे को गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं दिखाकर देश भर में अपनी बड़ी फजीहत करवा रही है। भाजपा की योगी सरकार, जिसे कुछ महीने में ही विधानसभा के चुनाव झेलने हैं, की पुलिस ने आरोपी आशीष मिश्रा को नहीं बल्कि उन प्रियंका गांधी को जेल में डाल दिया है, जो पीड़ित किसानों के परिजनों से मिलने खेरी लखीमपुर जा रही थीं।
प्रियंका को लखीमपुर जाकर पीड़ित परिवारों से मिलने के राजनीतिक लाभ को रोकने के लिए योगी की भाजपा सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर और जेल में डालकर अनजाने में ही उत्तर प्रदेश में उससे भी बड़ा राजनीतिक लाभ दे दिया है। अपनी दादी इंदिरा गांधी की ही तरह के हाव-भाव वाली उत्तर प्रदेश की प्रभारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पिछले दो दिन से लगातार टीवी चैनलों पर छाई हुई हैं और उन्हें एक बड़ा ‘राजनीतिक स्पेस’ मिल गया है। उत्तर प्रदेश में खुद को भाजपा का विकल्प बताने वाले सपा के अखिलेश यादव और भाजपा से नजदीकियों के आरोप झेल रहीं मायावती कहीं नहीं दिख रहे हैं।
इन दो दिनों में ही प्रियंका गांधी ने अपनी हिरासत और बाद में गिरफ्तारी को जिस तरह जनता के सामने पेश किया है उससे उनकी छवि एक निर्भीक राजनेता की बन गयी है और अचानक उत्तर प्रदेश में वे सपा और बसपा से भी आगे दिखने लगी हैं। प्रियंका ने एक मझे राजनीतिक नेता की तरह जिस तरह हिरासत के दौरान जेल के भीतर झाड़ू से सफाई की और जिस तरह 33 घंटे हिरासत में रखने के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई उसे उन्होंने जेल के भीतर से वीडियोज के जरिये जनता तक पहुंचाकर उतना जनसमर्थन हासिल कर लिया, जो बहुत मेहनत से मिल पाता है।
यहाँ एक रोचक संयोग भी है। आज से 44 साल पहले 4 अक्टूबर, 1977 को आपातकाल के बाद बनी मोरारजी देसाई सरकार ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया था। उसके बाद देश में ऐसा माहौल बना कि कुछ ही महीनों के बाद इंदिरा गांधी फिर जबरदस्त बहुमत से सत्ता में आ गईं। प्रियंका भी 4 अक्टूबर को ही जेल में डाली गयी हैं। जेल से आज उन्होंने एक वीडियो के जरिये सीधे प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देकर पूछा है कि अब तक आशीष की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है।
प्रियंका गांधी अचानक देश के विपक्ष के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हो गगई हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद शिव सेना नेता संजय राऊत ने कहा – ‘उनकी (प्रियंका गांधी) की इस बहादुरी से देश के विपक्ष को एक ऊर्जा मिली है। वे राहुल गांधी से भी मिले, जो लगातार उनकी बहादुरी और किसानों के प्रति उनके समर्थन के लिए उनका उत्साह वर्धन कर रहे हैं।
बता दें 33 घंटे हिरासत में रखने के बाद आज प्रियंका गांधी को गिरफ्तार कर लिया गया। सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में उनके लिए अस्थाई जेल बनाई गई है। प्रियंका गांधी, हरियाणा से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ पुलिस ने धारा 151, 107, 116 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी 4 अक्टूबर की सुबह 4.30 बजे की गई थी। गिरफ्तारी के बाद उन्हें सीतापुर में पीएसी बटालियन के गेस्ट हाउस में रखा गया है।
गांधी की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने से कांग्रेस गुस्से में है। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम ने कहा – ‘यह पूरी तरह गैरकानूनी और बेहद शर्मनाक है। प्रियंका गांधी को सर्योदय से पहले साढ़े चार बजे एक पुरुष पुलिस अधिकारी द्वारा गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उन्हें अभी तक किसी ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने नहीं पेश किया गया। बिल्कुल कानून के खिलाफ।’
उधर प्रियंका ने आज पीएम मोदी के नाम एक वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने मोबाइल पर लखीमपुर हिंसा से पहले किसानों को जीप से रौंदे जाने का एक वीडियो दिखाते हुए पीएम से पूछा कि क्या आपने यह वीडियो देखा है? उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और उनके बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी न होने पर सवाल उठाया, जिनके खिलाफ पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया है।