केंद्रीय गृह मंत्रालय के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा हटाने का कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है। इसे लेकर युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार शाम गृह मंत्री अमित शाह का आवास के बाहर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इस बीच राहुल गांधी ने एसपीजी का आभार जताते हुए कहा है कि उसकी तरफ से दी गयी सुरक्षा के लिए वे उसके शुक्रगुजार हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक गांधी परिवार से एसपीजी की सुरक्षा हटाए जाने को लेकर काफी बवाल पैदा हो गया है। कांग्रेस की ओर से इसके खिलाफ सख्त प्रतिक्रिया आई है और इसे राजनीतिक द्वेष से भरा फैसला बताया है। कांग्रेस ने गांधी परिवार के एसपीजी सुरक्षा वापस लेने के विरोध में बाकायदा एक प्रेस कांफ्रेस कर इस फैसले का सख्त विरोध किया।
शाम को ही पार्टी के छात्र संगठन एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने गृह मंत्री अमित शाह के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने एसपीजी सुरक्षा बहाल करने की मांग की। उनका आरोप था कि यह फैसला मोदी सरकार ने दुराग्रह से ग्रस्त होकर किया है।
गौरतलब है कि मोदी सरकार के नए फैसले के अनुसार अब गांधी परिवार को सीआरपीएफ के जेड प्लस सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसका फैसला ”थ्रेट परसेप्शन” के आधार पर किया गया है।
पहले पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और बाद में पूर्व पीएम राजीव गांधी के हत्या के बाद गांधी परिवार को खतरा देखते हुए एसपीजी की सुरक्षा दी गयी थी। हालांकि सरकार का मानना है कि क्योंकि विदेशी दौरे में गांधी परिवार एसपीजी को साथ नहीं ले जाता था और उन्हें वहां पर इस सुरक्षा के बगैर भी खतरे जैसा कुछ इनपुट नहीं मिला, लिहाजा इस सुरक्षा की जरूरत उन्हें जरूरत नहीं है। अब गांधी परिवार को पूरे भारत में सीआरपीएफ की ‘जेड प्लस’ सुरक्षा दी जाएगी।
याद रहे एलटीटीई के आतंकवादियों ने २१ मई, १९९१ को पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। गांधी परिवार २८ साल बाद बिना एसजीपी सुरक्षा के रहेगा। उन्हें सितंबर १९९१ में १९९८ के एसजीपी कानून के संशोधन के बाद वीवीआईपी सुरक्षा सूची में शामिल किया गया था। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इकलौते शख्स होंगे जिनके पास एसपीजी सुरक्षा रहेगी।