मोदी सरकार ने गांधी परिवार को मिली एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया है। गृह मंत्रालय की शुक्रवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया है। जानकारी के मुताबिक अब गांधी परिवार को सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा दी जाएगी। अब गांधी परिवार की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ के कमांडो संभालेंगे। यह नई सुरक्षा चरणवद्ध तरीके से बदली जाएगी। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक द्वेष से किया गया फैसला बताते हुए इस फैसले की निंदा की है।
‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को हुई गृह मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में देश में वीवीआईपी को मिली सुरक्षा की समीक्षा की गयी है। जानकारी के मुताबिक इस बैठक में गांधी परिवार की स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया गया है। यह समीक्षा एसपीजी एक्ट के तहत की जाती है जिसमें देखा जाता है कि जिस व्यक्ति को यह सुरक्षा प्रदान की गयी है उसका थ्रेट परसेप्शन कितना है।
अब गांधी परिवार की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ के कमांडो संभालेंगे। गांधी परिवार में अब तक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को मिली हुई थी।
जानकारी के मुताबिक भविष्य में अब गांधी परिवार को ‘जेड प्लस सुरक्षा दी जायेगी। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का एसपीजी सुरक्षा कवच वापस ले लिया गया था। उन्हें भी सीआरपीफ की जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की गयी है। मनमोहन का सुरक्षा कवच डालने का फैसला अगस्त में किया गया था।
मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटाने का फैसला भी रिव्यू के बाद किया गया था। यह सुरक्षा देश के बड़े नेताओं को दी गई है जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी शामिल हैं। गांधी परिवार को यह सुरक्षा (एसपीजी) पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या के दृष्टिगत दी गयी थी। अहन यह भी गौरतलब है कि मनमोहन सिंह की बेटियों और उनसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दतक पुत्री ने खुद ही ऐसी सुरक्षा लेने से इंकार कर दिया था।