महात्मा गांधी की १५०वीं जयंती पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को बिना मोदी सरकार का नाम लिए उसपर हमला करते हुए कहा कि गांधी का नाम लेना आसान है लेकिन उनके रास्ते पर चलना आसान नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ”कुछ लोग देश को आरएसएस का प्रतीक बनाना चाहते हैं, लेकिन ये संभव नहीं है क्योंकि हमारे देश की नींव में गांधी के विचार हैं।”
सोनिया गांधी ने यह बात दिल्ली में राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस दफ़्तर से राजघाट तक कांग्रेस की पदयात्रा के समापन पर अपने सम्बोधन में कही। गांधी ने कहा – ”महात्मा गांधीजी ने पूरी दुनिया को अहिंसा और सत्य का रास्ता अपनाने की प्रेरणा दी। ऐसे महामानव की स्मृति को बार बार नमन करते हैं। आज जब हमारा देश और पूरी दुनिया गांधीजी की १५०वीं जयंती मना रहे हैं, हम सब को इस बात का गर्व है कि आज भारत जहां पहुंचा है, गांधी जी के रास्ते पर चल कर पहुंचा है।”
मोदी सरकार का नाम लिए बिना उसपर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा – ”गांधीजी का नाम लेना आसान है लेकिन उनके रास्ते पर चलना आसान नहीं है। गांधीजी का नाम लेकर भारत को उन्हीं के रास्ते से हटकर अपनी दिशा में ले जाने की कोशिश करने वाले पहले भी कम नहीं थे लेकिन पिछले कुछ वर्षों में तो साम दाम दंड भेद का खुला कारोबार करके वे अपने आपको बहुत ताक़तवर समझते हैं।”
उन्होंने कहा – ”गांधी जी का जिक्र जब भी आता है तो अक्सर दो तरह की तस्वीरें जेहन में आती हैं। इस सब के बावजूद अगर भारत का महत्व नहीं घटता तो इसलिए क्योंकि हमारे देश की बुनियाद में गांधीजी के वुसूलों की आधारशिला है। भारत और गांधी जी एक दूसरे के पर्याय हैं। यह अलग बात है कि आज कल कुछ लोगों ने इसे उल्टा करने की ज़िद पकड़ ली है।”
सोनिया गांधी ने कहा कि वे चाहते हैं कि गांधीजी नहीं बल्कि आरएसएस भारत का प्रतीक बन जाए। उन्होंने कहा – ”मैं ऐसा कहने वाले को साफ़ शब्दों में बताना चाहती हूं कि हमारे देश की मिलीजुली संस्कृति, मिलीजुली सभ्यता और मिलेजुले समाज में गांधी जी की सर्वसमावेशी व्यवस्था के अलावा कभी कुछ और सोच नहीं सकती। जो असत्य पर आधारित राजनीति कर रहे हैं वो कैसे समझेंगे कि गांधी जी सत्य के पुजारी थे। जिन्हें अपनी सत्ता के लिए सबकुछ करना मंजूर है वो कैसे समझेंगे कि गांधी जी अहिंसा के उपासक थे।”
उन्होंने मोदी सरकार का नाम लिए बिना उसपर करारा हमला करते हुए कहा – ”जिन्हें लोकतंत्र में भी सारी शक्ति खुद की मुट्ठी में रखने की प्यास है वो कैसे समझेंगे कि गांधी जी के स्वराज का क्या महत्व है। और जिन्हें मौका मिलते ही अपने को सर्वेसर्वा बताने की इच्छा हो वो कैसे समझेंगे कि गांधी जी की निस्वार्थ सेवा का मूल्य क्या होता है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि महात्मा गांधी चाहते थे कि भारत और उसके गांव आत्मनिर्भर हों। आज़ादी के बाद इसी रास्ते पर चल कर कांग्रेस ने क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के कदम उठाए हैं। चाहे नेहरूजी, शास्त्रीजी, इंदिराजी, राजीवजी, नरसिम्हा रावजी या फिर मनमोहन सिंहजी हों, सभी ने नए भारत के निर्माण के लिए दिन रात संघर्ष किया और तरक्की की नई मिसाल कायम की।”
सोनिया ने कहा कि यह उन सबके प्रयत्नों का ही फल है कि देश ने इतनी सारी मंज़िलें तय कीं। ”गांधी जी के मार्ग पर चल कर कांग्रेस ने जितने नए रोज़गार के अवसर पैदा किए, जितने लोगों को ग़रीबी से मुक्ति दिलाई, हमारे अन्नदाता किसानों को जितने नए नए साधन उपलब्ध कराए, हमारी बहनों के लिए जितनी सुविधाएं मुहैया की, युवा और युवतियों को जितनी शिक्षा की सुविधाएं दीं, वे सब बेमिसाल हैं।”
मोदी सरकार पर सीधा हमला करते हुए सोनिया गांधी ने कहा – ”लेकिन बीते चार पांच साल में भारत की जो हालत हो गई है, मुझे लगता है कि उसे देख कर गांधी जी की आत्मा भी दुखी होती होगी। बेहद अफसोस की बात है कि आज किसान बदहाली की स्थिति में हैं, हमारे युवा बेरोज़गारी से जूझ रहे हैं, उद्योग धंधे बंद हो गए हैं। बहनें, गांव तो छोड़िए बड़े शहरों में भी सुरक्षित नहीं हैं और उन पर अत्याचार करने वाले प्रभावशाली लोग तो आराम फरमा रहे हैं और जिनपर जुल्म हुआ वे ही जेल में डाली जा रही हैं।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा – ”इन दिनों खुद को भारत का भाग्यविधाता समझने वालों से मैं विनम्रता से कहना चाहती हूं कि गांधी जी नफरत के नहीं प्रेम के प्रतीक हैं। वे तनाव के नहीं सद्भाव के प्रतीक हैं। निरंकुशता के नहीं जनतंत्र के प्रतीक हैं। कोई कुछ भी दिखावा करे लेकिन गांधी जी के सिद्धांतों पर कांग्रेस ही चली है और कांग्रेस ही चलेगी।”