दिग्गज खिलाड़ी सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सोमवार शाम नामांकन दाखिल कर दिया। उनके मुकाबले किसी ने नामांकन दाखिल नहीं किया है जिससे जाहिर होता है कि उनका निर्विरोध अध्यक्ष बनना तय है। इस बीच रूपा गुरुनाथ तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (टीएनसीए) की नई अध्यक्ष चुनी गईं हैं और वे देश के भी किसी भी क्रिकेट बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष हो गयी हैं।
गांगुली ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए नामांकन मुंबई में बीसीसीआई मुख्यालय में दाखिल किया। इसी २३ तारीख को बीसीसीआई चुनाव होने हैं। गांगुली ने नामांकन के बाद कहा – ”मुझे कभी पद का लालच नहीं था। न मैं किसी से इसके लिए मिला हूँ।”
नामांकन के समय गांगुली के साथ बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष निरंजन शाह, एन श्रीनिवासन और आईपीएल के पूर्व चेयरमैन राजीव शुक्ला भी थे। उनकी टीम में बीसीसीआई सचिव के तौर पर जय शाह जबकि कोषाध्यक्ष अरुण धूमल होंगे। जय शाह गृह मंत्री अमिश शाह के बेटे जबकि अरुण बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के भाई और हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं।
नामांकन के बाद गांगुली ने वहां जमा पत्रकारों से कहा – ”मेरे लिए ये कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है क्योंकि मैं ऐसे समय में बोर्ड की कमान संभाल रहा हूँ जब इसकी छवि काफी खराब हुई है। पहले जब मैंने भारतीय टीम की कमान संभाली थी तब टीम भी कुछ ऐसे ही दौर से गुजर रही थी।” वैसे गांगुली ने यह भी कहा कि भारतीय टीम का कप्तान होने से बढ़ कर कुछ नहीं।
गांगुली ने कहा कि उनकी प्राथमिकता फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों की देखभाल होगी। गांगुली का इरादा भारतीय क्रिकेट के सभी पक्षों से मिलने का और वे सारे काम करने का है जो पिछले ३३ महीने में प्रशासकों की समिति नहीं कर सकी। उन्होंने कहा – ”मैं पहले सब से बात करूंगा और फिर फैसला लूंगा। मेरी प्राथमिकता फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों की देखभाल करना होगा। मैं तीन साल से सीओए से भी यही कहता आया हूं लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। सबसे पहले मैं फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों की आर्थिक स्थिति दुरुस्त करुंगा ।”
इस बीच बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की बेटी रूपा गुरुनाथ को तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (टीएनसीए) का नया अध्यक्ष चुना गया। रूपा बीसीसीआई के किसी भी राज्य संघ की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला हैं। हालांकि, उनके अध्यक्ष बनने की औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। ऐसा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत किया गया है।