राजस्थान में अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का सोमवार को २३ मंत्रियों की शपथ के साथ विस्तार किया गया। इसमें १३ केबिनेट और १० राज्यमंत्री शामिल किये गए हैं। इसमें १८ नए चेहरों को जगह दी गयी है।
गौरतलब है कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री और सचिन पायलट ने उप मुख्यमंत्री के तौर पर पहले ही शपथ ले ली थी। मंत्रिमंडल देखने से साफ़ जाहिर होता है कि इसमें गहलोत और पायलट के समर्थकों के साथ जातिगत संतुलन भी साधा गया है।
मंत्रिमंडल में सुभाष गर्ग को किया गया ही जो राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के टिकट पर चुनाव जीते हैं। लालू प्रसाद की पार्टी आरएलडी ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। सहयोगी दल से गर्ग ही इकलौते मंत्री बने हैं। उन्हें गहलोत के करीबी माने जाते हैं।
माना जाता है कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सुझाव के बाद इसमें १८ नए चेहरों को मौका दिया गया है। यह २३ विधायक मंत्री बनाये गए हैं। इनमें सिर्फ एक ही महिला है जबकि मुस्लिम भी एक ही बनाये गए हैं। कुल १३ जिलों को इसमें प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।
इनमें कैबिनेट मंत्री बीडी कल्ला (बीकानेर), शांति धारीवाल (कोटा उत्तर), परसादी लाल मीणा (लालसोट), सुजानगढ़ से मास्टर भंवरलाल मेघवाल, झोटवाड़ा से लालचंद कटारिया, केकड़ी विधायक डॉ. रघु शर्मा, अंता से प्रमोद जैन भाया, विश्वेंद्र सिंह (डीग-कुम्हेर), बायतू से हरीश चौधरी, रमेश मीणा (सपोटरा), चित्तौड़गढ़ से उदयलाल आंजना, प्रताप सिंह (सिविल लाइंस) और पोकरण विधायक सालेह मोहम्मद को मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया।
उधर राज्यमंत्री और स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्रियों में लक्ष्मणगढ़ (सीकर) विधायक गोविंद सिंह डोटासरा, सिकराय से ममता भूपेश, बांसवाड़ा से अर्जुन सिंह बामनिया, कोलायत से भंवर सिंह भाटी, सांचौर से सुखराम विश्नोई, हिंडौली से अशोक चांदना, अलवर ग्रामीण से टीकाराम जूली, वैर से भजनलाल जाटव, कोटपूतली से राजेन्द्र सिंह यादव और गठबंधन दल आरएलडी के भरतपुर से विधायक सुभाष गर्ग शामिल हैं।