राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार शाम कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद कहा कि 14 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा के सत्र में वे विश्वास मत लाएंगे। उन्होंने कहा कि उनके पास पहले ही बहुमत था। उधर भाजपा भी विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा कर चुकी है।
आज शाम कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई जिसमें सचिन पायलट और मुख्यमंत्री गहलोत के बीच 35 दिन के बाद पहली बार मुलाकात हुई। दोनों ने कांग्रेस आलाकमान के दूत वरिष्ठ नेता वेणुगोपाल के सामने एक दूसरे के साथ हंस कर बात की और हाथ भी मिलाया।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा – ‘हममें कल विधानसभा में खुद विश्वास मत लाएंगे। किसी भी एमएलए की शिकायत है उसे दूर करेंगे। अभी चाहें अभी मिल लें। बाद में चाहे बाद में मिल लें।’
मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पायलट और गहलोत गुट के सभी विधायक एकसाथ नजर आए। बैठक के दौरान ही गहलोत ने ऐलान किया कि विधानसभा में कांग्रेस खुद विश्वास प्रस्ताव पेश करेगी। सामने देखने से तो ऐसा ही लगता है कि कांग्रेस की लड़ाई ख़त्म हो गयी है, हालांकि, भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात क्यों कर रही है, यह थोड़ा हैरानी पैदा करने वाला सवाल है।
पायलट के रुख से नहीं लगता कि वे कोई खेल कर रहे हैं, या किसी बड़े ड्रामे की तैयारी में हैं। वैसे राजनीति के बारे में कभी कोई भविष्यवाणी नहीं की सकती। आज पायलट और उनके समर्थक विधायक सीएम अशोक गहलोत से उनके आवास पर मुलाकात करने पहुंचे।
इससे पहले कांग्रेस ने आज पायलट गुट के दो बड़े नेताओं भंवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह (दोनों विधायक) का कांग्रेस निलंबन वापस ले लिया। बाद में पायलट और बागी विधायकों के पार्टी में लौटने को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि पिछले एक महीने में पार्टी में जो भी गलतफहमी हुई है, हमें देश, राज्य, लोगों और लोकतंत्र के हित को देखते हुए उसे भूलने की जरूरत है।