प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कानपुर में राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक में शिरकत की। गंगा में यात्रा के बाद जब पीएम मोदी वापस घाट लौटे तो बोट से उतरने के बाद सीढिय़ां चढ़ते हुए उनका पैर फिसल गया जिससे वह गिर पड़े। एसपीजी के जवानों ने उन्हें उठाया हालंकि उनके गिरने से वहां अफरा-तफरी मच गई।
पीएम मोदी ने बोट में सवार होकर गंगा के सौन्दर्य का जायजा लिया। पीएम के नौकायन के लिए प्रयागराज से डबल डेकर मोटर बोट मंगाई गई थी। वह बंद कर दिए गए सीसामऊ नाले तक गए और वहां बने सेल्फी प्वाइंट को देखा। करीब ४५ मिनट तक पीएम वहां रहे। अटल घाट पर गंगा यात्रा के बाद मोदी वापस घाट पर लौट रहे थे कि एक सीढ़ी पर उनका पांव फिसल गया जिससे वे गिर पड़े।
प्रधानमंत्री को गिरता देख वहां हड़बड़ाहट मच गयी। तुरंत एसपीजी के जवानों ने उन्हें उठाया। कुछ रिपोर्ट्स में बतया गया है कि जिस सीढ़ी पर पीएम का पैर फिसला, उसी सीढ़ी पर निरीक्षण के दौरान कुछ अधिकारी भी गिर चुके थे। इसके बाद अफसरों ने एसपीजी को इस बाबत बता दिया था कि अटल घाट पर एक सीढ़ी अपेक्षाकृत ऊंची है।
उधर आज की बैठक में नमामि गंगे परियोजना के अगले चरण और नए एक्शन प्लान पर चर्चा हुई। इसके बाद मोदी ने परियोजना के असर का निरीक्षण करने के लिए अटल घाट पर नौकायन भी किया। सुबह पीएम विशेष विमान से कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट पर उतरे तो सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ मंत्रिमंडल के सहयोगियों और केंद्रीय मंत्रियों ने स्वागत किया।
नमामि गंगे के अभियान में लगे पीएम मोदी ने नेशनल गंगा कांउसिल की पहली बैठक में नमामी गंगे की परियोजनाओं का हाल जाना और उसमें गिर रहे नालों का जायजा लिया। करीब दो घंटे की लंबी बैठक में नमामि गंगे के अगले चरण और नए एक्शन प्लान को लेकर विमर्श के साथ ही कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए। उन्होंनेनमामी गंगे मिशन के तहत प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
इस बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और कई अफसर शामिल हुए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी न्योता भेजा गया था, लेकिन वे शामिल नहीं आईं।